लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश मनमोहन सिंह ने कहा कि विश्व में संसदीय लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली एवं नियमों की गहन जानकारी रखने का आह्वान किया।
संसदीय दायित्व पर जागरूक होंगे हमारे विधायक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायकगण राज्य के प्रति उनके संसदीय दायित्व को बेहतर तरीके से समझकर निर्वहन कर सकेंगे। हर विधायक का प्रथम कर्तव्य है कि वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों एवं राज्य की संसद के बीच कड़ी के रूप में काम करे। उसे विधायक कोष की राशि का सौ प्रतिशत उपयोग कर अपने विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संरचना, स्कूल, चिकित्सालय निर्माण जैसे कार्य कराने चाहिए।
विधायक विधायी कार्य का संरक्षक उन्होंने कहा कि हर विधायक जनता के प्रतिनिधि के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है, जिसे अपनी संविधान प्रदत्त विधायी, वित्तीय एवं संवैधानिक शक्तियों का जनसेवा के लिए मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना चाहिए। सरकार एवं प्रतिपक्ष को मिलकर सहमति के आधार पर अग्रसर होना चाहिए।
सामूहिक विमर्श अच्छा कदम: कटारिया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (
Gulabchand Kataria ) ने प्रबोधन कार्यक्रम को एक अच्छी परिपाटी बताते हुए कहा कि इस तरह के सामूहिक विचार विमर्श से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रबोधन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सदन के सभी सदस्यों, अध्यक्ष एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।