जयपुर

मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार के लिए बन रहा फॉर्मूला, पहली बार जीत कर आए विधायकों को नहीं मिलेगा मौका

मंत्रिमंडल के फॉर्मूले को कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी का इंतजार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार में किया जाएगा एडजस्ट, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को भी मंत्री बनाए जाने पर संशय, दिल्ली में उच्च स्तर पर हो रहा मंथन, सभी वर्गों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देने पर भी मंथन

जयपुरJun 13, 2021 / 10:56 am

firoz shaifi

फिरोज सैफी/जयपुर।

प्रदेश में जुलाई माह में प्रस्तावित गहलोत मंत्रिमंडल और फेरबगल की कवायद अब तेज हो गई। सचिन पायलट कैंप के साथ ही अब गहलोत खेमे से जुड़े विधायक भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की मांग कर रहे हैं।

शनिवार को भी गहलोत खेमे के तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत से मिलकर जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति दी है। इसी बीच दिल्ली में भी मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार की कवायद को लेकर मंथन चल रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में किसे मौका दिया जाए और किसे हटाया जाए इसे लेकर एक-एक नाम पर बारीकी से मंथन चल रहा है।

पहली बार जीते विधायकों को नहीं मिलेगा मंत्रिमंडल में मौका
वहीं दूसरी और मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार को लेकर कांग्रेस में उच्च स्तर पर एक फार्मूला तैयार हो रहा है जिसके तहत पहली बार जीत कर आए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाएगी। ऐसे में सचिन पायलट कैंप और गहलोत कैंप में से पहली बार जीत कर आए विधायकों को निराशा हाथ लग सकती है, हालांकि पहले माना जा था कि सियासी संकट के दौरान सरकार का साथ देने वाले पहली बार जीतकर आए विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, लेकिन बदले हालातों के बीच ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों पर भी संशय
वहीं दूसरी ओर बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को भी मंत्रिमंडल में एडजस्ट किए जाएंगे या नहीं इस पर भी संशय बरकरार है। दरअसल बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों में से केवल राजेंद्र गुढ़ा ही ऐसे हैं जो दूसरी बार विधायक बनें हैं, इसके अलावा पांच विधायक पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे में इनके मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर संशय हैं।

राजनीतिक नियुक्तियों-संगठन विस्तार में किया जा सकता है एडजस्ट
सूत्रों की माने तो पहली बार जीत कर आए विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार में एडजस्ट किया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस का अभी फिर से संगठन विस्तार होना है, जहां पहली बार जीतकर आए विधायकों को प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में एडजस्ट किया जा सकता है, इसके अलावा प्रदेश में 40 के लगभग बोर्ड निगम ऐसे हैं जहां राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, चर्चा है कि पहली बार जीते विधायकों को बोर्ड-निगमों में एडजस्ट किया जा सकता है।

इसलिए तय हो रहा है फॉर्मूला
दरअसल पहली बार चुनाव जीत कर आए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के पीछे तय किए जा रहे फॉर्मूले के मुताबिक अगर पहली बार जीतकर आए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलती है तो इससे 2 या उससे अधिक बार चुनाव जीत कर आए विधायकों में असंतोष बढ़ सकता है। ऐसे में वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी पार्टी को मोल ना लेनी पड़े, इसके लिए यह फॉर्मूला उच्च स्तर पर तैयार किया जा रहा है।

सूत्रों की माने तो कांग्रेस आलाकमान की भी जल्द ही इस फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है और इसके बाद इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जुलाई माह के पहले सप्ताह में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल कर सकते हैं।

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