script11 हजार की घूस लेने वाले सिपाही के पास इतनी दौलत मिली कि आईपीएस भी पानी भरे | Forty plots and huge wealth found with policeman who took bribe | Patrika News

11 हजार की घूस लेने वाले सिपाही के पास इतनी दौलत मिली कि आईपीएस भी पानी भरे

locationजयपुरPublished: Sep 09, 2019 10:41:36 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

11 हजार की घूस लेने वाले सिपाही के पास इतनी दौलत मिली कि आईपीएस भी पानी भरे

acb catch bigest Bribeer

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जयपुर
Udaipur Police उदयपुर में दो पक्षों में समझौता होने के बाद भी ग्यारह हजार रुपए लेने वाले गोगुंदा थाने के हैड कांस्टेबल मालीराम चौधरी के मामले की (ACB Rajasthan) एसीबी जांच कर रही है। एसीबी को तीन से चार दिन की जांच में ही चौधरी के पास से इतनी दौलत मिल गई कि आईपीएस अफसर भी शायद ही कमा सके। मालीराम कुछ थानों पर ही रहा लेकिन जहां भी रहा वहां उसने महंगी कॉलोनियों में (Plots) जमीनें खरीदीं और कई पर कब्जा भी कर लिया। फिलहाल अब सारे दस्तावेज एसीबी जांच कर रही है।

समझौता होने के बाद भी ले ही लिए ग्यारह हजार
दरअसल गोगुंदा थाने के हैड कांस्टेबल मालीराम चौधरी के थाने में मामूली बात को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। विवाद महिलाओं के बीच था। लेकिन बाद में दोनो पक्षों की महिलाओं ने नियमों के अनुसार समझौता कर लिया। लेकिन समझौता होने के बाद भी थाने में बंद करने की धमकी देकर मालीराम ने एक पक्ष से ग्यारह हजार रुपए घूस ले ली। शिकायत एसीबी के पास पहुंची। जांच में शिकायत सही पाई गई तो एसीबी ने एक्शन लिया और चौधरी को ट्रेप कर लिया। उसके पास से ग्यारह हजार रुपए निकले। उसने एसीबी टीम को ***** बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे ट्रेप कर लिया गया।

जिस थाने में रहा वहीं जमीनें खरीदता गया
मालीराम चौधरी के घर पर एसीबी को राजसमंद और उदयपुर में करीब चालीस पॉश कॉलोनियों में जमीनें खरीदनें के दस्तावेज मिले हैं। अधिकतर जमीनें उसके और उसके परिवार के लोगों के नाम है। मालीराम बारे में एसीबी को पता चला कि वह जिस थाना इलाके में रहता वहां की पॉश कॉलोनी में जमीन जरुर खरीदता। उसने लगभग सभी जमीनों की रजिस्ट्री भी करवा रखी है। एसीबी को मालीराम के घर से दो फाइलें मिली थी। उनमें एक फाइल की जांच में ही ये बड़े खुलासे हुए हैं। दूसरी फाइल की जांच तो अभी बाकि है। एसीबी अफसरों का मानना है कि इसके पास इतनी जमीन है कि अब उसके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति रखने का मामला भी दर्ज किया जा सकता है।
विधवा महिला को भी नहीं बक्शा मालीराम ने
एसीबी की जांच में सामने आया कि साल 2014 में तारु भील नाम के एक व्यक्ति ने थाने में परिवार दिया था। बताया था कि सास नवली काे विधवा पेंशन दिलाने के बहाने मालीराम चौधरी तहसील ले गया और कृषि भूमि का पंजीयन करा दिया। इसकी जांच भी डीएसपी गिर्वा ने की थी। ऐसी और भी कई शिकायतें मालीराम के खिलाफ थीं। उस समय मालीराम सुखेर थाने में तैनात था। हीरालाल तेली नाम के एक व्यक्ति से भी मालीराम ने चार लाख से ज्यादा की रकम जमीन संबधी काम आसानी से कराने की एवज में ले ली। बाद में टालमटोल करता रहा।
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