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पत्रिका एक अखबार नहीं है, विश्वास का दूसरा नाम हैः कोठारी

locationजयपुरPublished: Mar 07, 2021 08:30:07 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा है कि पत्रिका न तो प्रोडक्ट है और न केवल एक अखबार है, बल्कि विश्वास का दूसरा नाम है।

Foundation Day of Rajasthan Patrika gulab kothari

पत्रिका समूह के चैयरमेन व प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा है कि पत्रिका न तो प्रोडक्ट है और न केवल एक अखबार है, बल्कि विश्वास का दूसरा नाम है।

जयपुर। पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा है कि पत्रिका न तो प्रोडक्ट है और न केवल एक अखबार है, बल्कि विश्वास का दूसरा नाम है। पत्रिका में छपे समाचार पर पाठकों की प्रतिक्रिया का इस विश्वास को बढ़ाने में बड़ा योगदान है। इसी विश्वसनीयता के कारण पत्रिका में खबर छपने पर सरकार समस्याओं के निराकरण के लिए मजबूर हो जाती है।
कोठारी ने रविवार को राजस्थान पत्रिका के 66 वें स्थापना दिवस पर वर्चुअल माध्यम से संबोधन में यह संबोधन दिया। उन्होंने जयपुर में पत्रिका गेट के लोकार्पण समारोह में पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन याद दिलाते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने कहा था, पत्रिका सुबह-सुबह दरवाजा खोलता है और पढ़ने पर मन के दरवाजे खोलता है।’, इससे बड़ा वक्तव्य क्या है?
ग्रंथ रिप्लेस कर दिए हैं
यह पाठकों का भरोसा है कि सुबह अखबार लेट हो जाता है, तो वह इंतजार में चक्कर लगाता है। विश्वास के कारण ही पत्रिका ने सब ग्रंथों को रिप्लेस कर दिया, यह समझने की जरुरत है।
चौथा पाया नहीं, सेतु बने मीड़िया
मीड़िया में खुद को चौथा पाया बताने की हौड़ को लेकर कोठारी ने कहा कि चौथा पाया कहना पाठक और संविधान के साथ बेइमानी है। मीड़िया को सरकार और पाठक के बीच सेतु होना चाहिए, क्योंकि उसे लोकतंत्र का प्रहरी कहा जाता है।
खबर ही नहीं देते, दायित्व भी संभालते हैं
उन्होंने कहा कि हम अखबार में केवल खबरें नहीं दे सकते, क्योंकि पाठकों के अधिकारों की रक्षा का दायित्व भी हमारे पास है।

आधुनिक शिक्षा पर सवाल
कोठारी ने आधुनिक शिक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा में संवेदनशीलता खत्म हो गई है और देश का दर्शन इसमें नहीं पढ़ाया जा रहा है। इसके कारण आदमी करियर के लिए भागता रहता है। मूल्यों की बात ही नहीं होती है।
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