जयपुर

आभूषण व्यापारी से एक करोड़ लूटने वाले चार बदमाश गिरफ्तार

जेल में लूट की रची गई थी साजिश

जयपुरOct 23, 2020 / 10:45 pm

Lalit Tiwari

आभूषण व्यापारी से एक करोड़ लूटने वाले चार बदमाश गिरफ्तार

मुरलीपुरा में आभूषण व्यापारी से एक करोड़ के आभूषण लूट की वारदात का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उदयपुर जेल में बंद मुकीम उर्फ काला और कुरुक्षेत्र हरियाणा जेल में बंद सादर खान के गुर्गों ने हथियारों से लैस होकर ज्वैलरी शोरुम में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने बदमाशों से 200 ग्राम सोना और 12 किलो चांदी बरामद कर ली हैं।
डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी दिलीप उर्फ माही उर्फ किट्टू (23) सुजानगढ़ चुरु हाल काशी नगर बैनाड रोड करधनी, संदीप कुमार उर्फ सुमित यदुवंशी (23) रेवाडी हरियाणा, दीपक उर्फ मोनू (28) मांचरोली झज्जर हरियाणा, विनोद प्रजापत (25) नदबई भरतपुर हाल गणेश विहार ऋद्धि सिद्धि गोपालपुरा बाईपास मानसरोवर का रहने वाला हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपी रमन और पंकज फरार चल रहे हैं। जबकि मुकीम और सादर खान को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की जाएगी।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम
एडिशल डीसीपी बजरंग सिंह ने बताया आरोपी पंकज व रमन भी अपने साथ कार लेकर आए थे। रैकी के बाद खुद की कार अजमेर-दिल्ली 200 फीट एक्सप्रेस हाइवे के पास खड़ी कर दी। आभूषण व्यापारी से लूट के बाद सीधे कार तक पहुंचे और फिर उससे हरियाणा में रेवाड़ी पहुंचे। रेवाड़ी में पुलिस टीम पहुंची तो आरोपी दिल्ली होते हुए हिमाचल प्रदेश भाग निकले। पुलिस टीम ने हिमाचल प्रदेश में दिलीप को पकड़ लिया। दिलीप की निशानदेही से रेवाड़ी में दीपक व सुमित को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वारदात के बाद हरियाणा की कुरूक्षेत्र जेल में बंद सादर खान ने रेवाड़ी पहुंचने और वहां से सोना छिपाने और आगे पहुंचने में मदद की। वारदात में काम ली गई स्कूटी पहला सबूत था, उसके जरिए आरोपियों की पहचान की जा सकी। स्कूटी के अलावा आरोपियों ने खुद के खिलाफ कोई सबूत नहीं छोड़ा था।
एसीपी (झोटवाड़ा) हरीशंकर शर्मा ने बताया कि वारदात से दस दिन पहले दिल्ली से आगरा पहुंचकर हथियार खरीदने के बाद पंकज, रमन सहित चार लोग जयपुर पहुंचे। यहां पर दिलीप से मिलने के बाद पंकज व रमन रूक गए और दो वापस लौट गए। दिलीप ने गोपालपुरा निवासी विनोद प्रजापति को स्कूटी उपलब्ध करवाने के लिए तैयार किया। विनोद ने अपनी महिला मित्र को जरूरी काम होने का हवाला दे उसकी स्कूटी लुटेरों के लिए मांग ली। लुटेरों ने दस दिन में तीन चार आभूषण व्यापारियों की अच्छी तरह से रैकी की और फिर वारदात को अंजाम दिया।
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