35 से ज्यादा घडिय़ाल जन्मे
मंडावरा नाका प्रभारी रामहेत मीणा ने बताया कि चम्बल में बाढ़ आने के बाद यहां बारीक बजरी का खासा जमाव हो गया। बाढ़ के पानी के साथ अप स्ट्रीम से बहकर आए तीन मादा और एक नर घडिय़ाल को यह इलाका मुफीद लगा तो उन्होंने यहां डेरा जमा लिया। घडिय़ालों को सुरक्षित माहौल देने के लिए सेंचुरी के वन्य रक्षकों ने अवैध खनन पर भी सख्ती से लगाम कस कर रखी। नतीजन कुछ ही महीनों में घडिय़ालों ने यहां मेटिंग और नेस्टिंग की। जिसके बाद अब उनके अंडों से बच्चे निकलकर नदी में तैरते भी दिखाई पडऩे लगे हैं। उन्होंने बताया कि मोराना गांव की इस साइट पर ३५ से ज्यादा नए बच्चे अटखेलियां करते देखे गए हैं। पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों ने नेस्टिंग की है।
मंडावरा नाका प्रभारी रामहेत मीणा ने बताया कि चम्बल में बाढ़ आने के बाद यहां बारीक बजरी का खासा जमाव हो गया। बाढ़ के पानी के साथ अप स्ट्रीम से बहकर आए तीन मादा और एक नर घडिय़ाल को यह इलाका मुफीद लगा तो उन्होंने यहां डेरा जमा लिया। घडिय़ालों को सुरक्षित माहौल देने के लिए सेंचुरी के वन्य रक्षकों ने अवैध खनन पर भी सख्ती से लगाम कस कर रखी। नतीजन कुछ ही महीनों में घडिय़ालों ने यहां मेटिंग और नेस्टिंग की। जिसके बाद अब उनके अंडों से बच्चे निकलकर नदी में तैरते भी दिखाई पडऩे लगे हैं। उन्होंने बताया कि मोराना गांव की इस साइट पर ३५ से ज्यादा नए बच्चे अटखेलियां करते देखे गए हैं। पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों ने नेस्टिंग की है।
सख्त निगरानी
वन्यजीव रक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि मई के पहले सप्ताह में मोराना इलाके में घडिय़ालों के घोंसले बनाने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद इस इलाके की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई। नतीजन, ४० साल में पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों का प्रजनन हो सका। नवजात बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
वन्यजीव रक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि मई के पहले सप्ताह में मोराना इलाके में घडिय़ालों के घोंसले बनाने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद इस इलाके की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई। नतीजन, ४० साल में पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों का प्रजनन हो सका। नवजात बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
विलुप्त प्राय प्रजाति के घडिय़ालों की नेस्टिंग से सेंचुरी में खुशी की लहर है। हमें उम्मीद है कि अभी कोटा जिले की इस डाउन स्ट्रीम में अभी दो और जगहों पर नेस्टिंग हो सकती है। इसीलिए सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं।
– फुरकान अली, उपवन संरक्षक, राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल सेंचुरी
– फुरकान अली, उपवन संरक्षक, राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल सेंचुरी