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चार दशक बाद चंबल की डाउन स्ट्रीम फिर घडिय़ालों से आबाद

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2020 05:21:51 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

आपदा बनी अवसर : बाढ़ में बहकर चम्बल की डाउन स्ट्रीम में पहुंचे थे चार घडिय़ालों बढ़ाया कुनबा

Four decades later, Chambal's down stream is again inhabited by clocks

Disaster became an opportunity: four clocks extended in the down stream of Chambal after being flooded

कोटा. कोटा के वन्यजीवों ने खुशियों का पिटारा अनलॉक कर दिया है। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) के सुल्तान मिर्जा और रानी सुल्ताना के शावकों को जन्म देने की खबर के दो दिन बाद ही चम्बल घडिय़ाल सेंचुरी के घडिय़ालों ने भी बच्चों को जन्म दे वन्यजीव प्रेमियों की खुशी दुगनी कर दी। कोटा जिले से गुजर रही सेंचुरी से फिलहाल घडिय़ालों को विलुप्त ही माना जा रहा था। राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभ्यारण का करीब ७० किमी लंबा हिस्सा कोटा जिले में पड़ता है। इस संरक्षित इलाके में हो रहे बेतहाशा अवैध खनन के चलते घडिय़ालों की प्रजाति लगभग विलुप्त ही हो गई थी, लेकिन गुरुवार को मोराना गांव के पास चंबल नदी में घडिय़ालों के बच्चों की अटखेलियां ट्रेक की गई।
35 से ज्यादा घडिय़ाल जन्मे
मंडावरा नाका प्रभारी रामहेत मीणा ने बताया कि चम्बल में बाढ़ आने के बाद यहां बारीक बजरी का खासा जमाव हो गया। बाढ़ के पानी के साथ अप स्ट्रीम से बहकर आए तीन मादा और एक नर घडिय़ाल को यह इलाका मुफीद लगा तो उन्होंने यहां डेरा जमा लिया। घडिय़ालों को सुरक्षित माहौल देने के लिए सेंचुरी के वन्य रक्षकों ने अवैध खनन पर भी सख्ती से लगाम कस कर रखी। नतीजन कुछ ही महीनों में घडिय़ालों ने यहां मेटिंग और नेस्टिंग की। जिसके बाद अब उनके अंडों से बच्चे निकलकर नदी में तैरते भी दिखाई पडऩे लगे हैं। उन्होंने बताया कि मोराना गांव की इस साइट पर ३५ से ज्यादा नए बच्चे अटखेलियां करते देखे गए हैं। पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों ने नेस्टिंग की है।
सख्त निगरानी
वन्यजीव रक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि मई के पहले सप्ताह में मोराना इलाके में घडिय़ालों के घोंसले बनाने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद इस इलाके की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई। नतीजन, ४० साल में पहली बार इस इलाके में घडिय़ालों का प्रजनन हो सका। नवजात बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
विलुप्त प्राय प्रजाति के घडिय़ालों की नेस्टिंग से सेंचुरी में खुशी की लहर है। हमें उम्मीद है कि अभी कोटा जिले की इस डाउन स्ट्रीम में अभी दो और जगहों पर नेस्टिंग हो सकती है। इसीलिए सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं।
फुरकान अली, उपवन संरक्षक, राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल सेंचुरी

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