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न्यायाधीश भट्ट सहित 4 सीजे सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त, सोमवार को शपथ

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2019 01:26:03 am

Submitted by:

Shailendra Agarwal

सुप्रीम कोर्ट में अब राजस्थान हाईकोर्ट के तीन सीजे व दो जज

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट सहित चार मुख्य न्यायाधीश बुधवार को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त हो गए। उनकी सोमवार सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली में शपथ होगी। उनके नया पदभार संभालने के साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान हाईकोर्ट के 3 सीजे व 2 जज हो जाएंगे। न्यायाधीश भट्ट के सुप्रीम कोर्ट में शपथ लेने के बाद न्यायाधीश मोहम्मद रफीक के राजस्थान हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना है।
न्यायाधीश भट्ट के सम्मान में गुरुवार सायं 3 बजकर 45 मिनट पर जोधपुर स्थित मुख्य न्यायाधीश के अदालत कक्ष में रेफरेंस का आयोजन होगा, जिसमें पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जयपुर बेंच के न्यायाधीश व वकील भी शामिल होंगे। इस बीच बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्ति की सूचना मिलते ही राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट ने यहां सुनवाई बंद कर दी और दोपहर बाद जोधपुर रवाना हो गए। वे इसी साल मई में यहां हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। इससे पहले वे दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के 4 नए जज
न्यायाधीश वी रामासुब्रमण्यन, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी, न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट, न्यायाधीश हृषिकेष राय। इन सहित अब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी।
न्यायाधीश माथुर भी सुप्रीम कोर्ट जाने की कतार में
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर व तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान भी राजस्थान से हैं। इनमें से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर सुप्रीम कोर्ट जाने की कतार में हैं। इनके अलावा मद्रास हाईकोर्ट में कार्यरत राजस्थान मूल के न्यायाधीश विनीत कोठारी हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश बनने के दावेदार हैं।
अब ‘माई लोर्ड’ और ‘योअर ओनर’ नहीं
हालांकि मुख्य न्यायाधीश भट्ट का राजस्थान हाईकोर्ट में कार्यकाल करीब साढ़े चार माह का रहा है, लेकिन यह अल्प कार्यकाल भी राजस्थान के लिए यादगार रहेगा। उन्होंने कोर्ट में ‘माई लोर्ड’ और ‘योअर ओनर’ कहलवाना बंद कराया। प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में 10 साल से पुराने मामलों को तय कराने की पहल की और 3 माह के भीतर ही इसके असर भी आने लगे हैं। इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट की जोधपुर प्रधान पीठ और जयपुर पीठ के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की शुरूआत की। आगे भी वीसी से सुनवाई जारी रहे, इसके लिए जयपुर व जोधपुर में एक—एक विशेष कोर्ट बनाई गई है। वे अलवर तथा दक्षिणी राजस्थान के कई जिलों में गाड़ी और अधिकारियों का लवाजमा दूर छोड़कर आम आदमी की तरह अधीनस्थ अदालतों का हाल जानने पहुंचे, कई जगह तो न्यायिक अधिकारियों को मुख्य न्यायाधीश भट्ट का दौरा समाप्त होने के समय के उनके वहां पहुंचने का पता चल पाया। एक जगह न्यायिक अधिकारी और वकीलों के बजाय एक चाय वाले ने उनको पहचाना। भट्ट को इसलिए भी याद किया जाएगा कि उनके पास किसी भी पीड़ित ने चिट्ठी भेजी तो उस पर कार्रवाई अवश्य हुई, इनमें से कुछ पीड़ित तो ऐसे थे कि उनकी मुख्यमंत्री कार्यालय तक में सुनवाई नहीं हुई थी। इनके अलावा बिना विवाद एडीजे भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराया और आरजेएस भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने की ओर है।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश, जो राजस्थान में रहे
न्यायाधीश अरुण मिश्रा, न्यायाधीश नवीन सिन्हा, न्यायाधीश अजय रस्तोगी व न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी। इनमें से न्यायाधीश मिश्रा व सिन्हा राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहे , जबकि न्यायाधीश रस्तोगी व न्यायाधीश माहेश्वरी मूलत: राजस्थान से ही हैं।
243 में से 23 सुप्रीम कोर्ट जज रहे राजस्थान में
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित वर्तमान में 30 न्यायाधीश हैं और इनसे पहले सुप्रीम कोर्ट में 213 न्यायाधीश रहे हैं। 23 न्यायाधीशों का राजस्थान से संबंध रहा है। इनमें से 7 पहली बार राजस्थान हाईकोर्ट में ही न्यायाधीश बने, जबकि 16 न्यायाधीश या तो यहां मुख्य न्यायाधीश रहे या किसी दूसरे हाईकोर्ट से तबादला होकर आए थे।
राजस्थान मूल के ये न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में रहे
न्यायाधीश एन एम कासलीवाल, न्यायाधीश एस सी अग्रवाल, न्यायाधीश ए के माथुर, न्यायाधीश जी एस सिंघवी, न्यायाधीश आर एम लोढ़ा, न्यायाधीश अजय रस्तोगी व न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी। इनमें से न्यायाधीश रस्तोगी व न्यायाधीश माहेश्वरी वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में हैं।
जस्टिस वांचू व वर्मा भी रहे राजस्थान में
अब तक तीन चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया ऐसे रहे हैं, जिनका राजस्थान का संबंध रहा। इनमें से न्यायाधीश आर एम लोढ़ा मूलत: राजस्थान के हैं, जबकि न्यायाधीश के एन वांचू और न्यायाधीश जे एस वर्मा राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। न्यायाधीश वांचू राजस्थान में 1951 से 1958 तक मुख्य न्यायाधीश रहे, जो अप्रेल 1967 में सीजेआई बने थे। मार्च 1997 में सीजेआई बने न्यायाधीश वर्मा राजस्थान में मुख्य न्यायाधीश रहने के साथ ही दो बार कार्यवाहक राज्यपाल भी रहे थे। न्यायाधीश वर्मा ने निर्भया कांड़ के बाद आपराधिक विधियां अधिनियम में संशोधन के लिए रिपोर्ट भी दी थी।

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