सरकार को हमारा दुख दिखाई नहीं देता है। हम दो दलों (आप और भाजपा) की राजनीति के बीच ***** रहे हैं। फांसी में जानबूझकर देरी की जा रही है।
2012 में ये राजनीतिक दल सड़कों पर उतरे थे। लेकिन आज ये लोग ही मेरी बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हमें मोहरा बनाया गया। निर्भया की मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान किया कि 2014 में नारा दिया था कि बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार के अनुरूप 22 जनवरी को दोषियों को फांसी दिलाएं।
सात साल हो गए घटना हुए, ढाई साल हो गए सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए। 18 महीने हो गए रिव्यू पिटिशन खारिज हुए, जो काम जेल को, सरकार को करना चाहिए था, वह काम हमने किया।
14 दिन का अंतराल जरूरी
शत्रुघ्न चौहान मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, दया याचिका की अस्वीकृति के आदेश की प्राप्ति की तारीख और सज़ा के निष्पादन की तारीख से 14 दिनों का अंतराल होना चाहिए।
हाईकोर्ट: डेथ वारंट को खारिज करने से इनकार किया।
सुप्रीम कोर्ट: मुकेश और विनय शर्मा की क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
-अन्य तीन दोषी अक्षय सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने अभी तक दया याचिका दायर नहीं की है।
-पवन और अक्षय ने अभी तक क्यूरेटिव याचिका भी दाखिल नहीं की हैं।
देरी पर सियासी बयानबाजी
हमने नहीं की देरी
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सभी काम हमारे द्वारा कुछ घंटों में ही पूरे किए गए हैं। देरी में शायद ही इसमें कोई भूमिका हो। हम चाहते हैं कि दोषियों को जल्द फांसी दी जाए।
-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली
दिल्ली की आप सरकार की लापरवाही से दोषियों को अभी तक फांसी नहीं दी गई है। ढाई साल से अधिक की देरी हुई। दिल्ली सरकार की दोषियों से सहानुभूति है और यह देरी इसी का नतीजा है।
– प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय मंत्री
जुलाई 2018 में रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला जेल प्रशासन क्या सो रहा था। क्या दिल्ली सरकार ने निर्भया की मां के आंसू नहीं देखे ।
– स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री