दरअसल एक सितंबर से पूरे देश में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम लागू हो गया है। इसके अनुसार अब शराब पीकर गाड़ी चलाने, तय गति सीमा से तेज वाहन चलाने, ओवरलोड वाहन चलाने, बच्चों से वाहन चलवाने समेत अन्य कई यातायात उल्लघनों में भारी जुर्माना लगाया गया है। जो जुर्माना पहले था उसे कई गुना तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही लाइसेंस बनवाने और अन्य कई मामलों में सुविधा भी इस अधिनियम के तहत दी गई है। लेकिन राजस्थान, बंगाल,एमपी और अब गुजरात ने भी इसे अभी लागू करने से मना कर दिया है। राजस्थान में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि भारी भरकम जुर्माने से पुलिस में भ्रष्टाचार बढ़ सकता है। इस कारण फिलहाल इसे लागू नहीं किया गया है।
एमपी और बंगाल सरकार ने भी इस अधिनियम को लागू करने से पहले इसकी पूरी समीक्षा करने की बात कही है। दोनो सरकारों का मानना है कि अधिनियम में जुर्माने को लेकर राशि बढ़ गई है तो भ्रष्टाचार की संभावना बेहद ज्यादा है। उधर गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने भी इसे लागू करने के लिए सात दिन का समय मांगा है। उनका भी यही कहना है कि वे जुर्माने की राशि की समीक्षा कर रहे हैं और इसे सात दिन बाद लागू करने में है।