यूडीएच की ओर से जारी स्पष्टीकरण के तहत एक ही मकान की ऐसी अलग-अलग इकाईयों को बैंकों में गिरवी भी रखा जा सकेगा। साथ ही कोई भी एक हिस्सेदार अपने हिस्से की इकाई को बेच सकेगा। ऐसी इकाई खरीदने के लिए भी बैकों से ऋण मिल सकेगा। अब तक ऐसे मामलों में बैकों से ऋण मिलने में आ रही थी दिक्कत। दरअसल प्रशासन शहरों के संग अभियान के प्रथम चरण के बाद संभाग स्तर पर आयोजित कार्यशालाओं में यह फीडबैक आया था। निकाय अधिकारियों ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को फीडबैक दिया था, जिसमें बताया गया कि ऐसे मामलों में लोगों को बैंक व वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिलने में दिक्कत आ रही है जिसके चलते सरकार ने मामले को स्पष्ट किया है। अब प्रशासन शहरों के संग अभियान में इस आदेश से कई लोगों को पट्टा लेने में आसानी होगी।
चार आवासीय इकाई आएगी दायरे में एक भूखंड पर बनी अधिकतम 4 आवासीय इकाइयां इस दायरे में आएंगी। यूडीएच की ओर से जारी स्पष्टीकरण में साफ किया गया है कि निकाय इस तरह के मामलों में स्वीकृति बिल्डिंग बायलॉज के तहत निर्माण की स्वीकृति दे सकेंगे। ऐसे मामलों में आवश्यक पार्किंग का भी प्रावधान करना होगा, ताकि सड़क पर वाहन पार्किंग से बचा जा सके।