जिला अधिकारी की पत्नी डॉ हेमलता जो स्वयं नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, के सामने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके द्विवेदी ने कहा जिला अस्पताल में रैन बसेरे का कोई औचित्य नहीं है, जो यह बताता है कि उनकी सोच क्या है। इससे बड़ा मामला उस समय सामने आया जब पेयजल पानी के नाम पर मरीज व उनके तीमारदारों को डायरेक्ट बोर से आने वाला पानी पिलाया जाने की जानकारी सामने आई। जो एक तरीके से मरीजों को धोखा देने वाला ही कार्य कहा जाएगा।
डॉक्टर हेमलता ने आरओ प्लांट का ताला खुलवाकर मानो अस्पताल की बंद मुट्ठी खोल दी और यदि ताला न खुलता तो शायद आर ओ के नाम पर सप्लाई का पानी दिए जाने का मामला भी सामने ना आता। इस मौके पर उन्होंने डॉक्टरों को जिला अस्पताल की गंदगी, अव्यवस्था के साथ अन्य चीजों में सुधार लाने की सलाह दी। जिससे जिला अस्पताल मुख्यालय का जिला अस्पताल बन सके।
ब्लड बैंक का रेफ्रिजरेटर ठीक परंतु बना निष्प्रयोज्य-
जिला अधिकारी रवि कुमार एनजी की पत्नी डॉ हेमलता ने लगातार दूसरे दिन जिला अस्पताल का भ्रमण किया। जैसे-जैसे डॉ हेमलता के कदम आगे बढ़ते गए, वैसे-वैसे जिला अस्पताल में व्याप्त गंदगी और अनियमितता सामने आती गई। जो एक बड़े घोटाले की तरफ इशारा करता है। ब्लड बैंक के पहले उन्होंने पैथोलॉजी का निरीक्षण किया। जहां पर उन्होंने गहराई से पैथोलॉजी कक्ष में लगे इंस्ट्रूमेंट की जानकारी प्राप्त की। गौरतलब है कि पैथोलॉजी कक्ष में लाखों रुपए इन्वेस्ट करके ऑटोमेटिक लैब बनाया गया है। यह मशीन जिले की सबसे अच्छी पैथोलॉजी से भी अच्छी रिपोर्ट देती है, लेकिन मशीनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई उपाय नहीं किए गए। जिस पर डॉ हेमलता ने कहा कि महंगे मशीनों की सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां से निकलकर उन्होंने प्रश्नोत्तर केंद्र का निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत की। यहां पर भी सुधार की काफी गुंजाइश दिखाई पड़ी। मेंटेनेंस का अभाव दिखा, ब्लड बैंक में रखे रेफ्रिजरेटर के विषय में उन्होंने जानकारी प्राप्त की तो पता चला रेफ्रिजरेटर ठीक है, परंतु नया आ जाने से पुराना निष्प्रयोज्य हो चुका है। यहां से निकल कर डॉ हेमलता अस्पताल के पीछे पहुंच गई। जहां गंदगी का ढेर नजर आया। इस पर उन्होंने मौके पर मौजूद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से कहा नगर पालिका के कर्मचारियों को सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला अधिकारी रवि कुमार एनजी की पत्नी डॉ हेमलता ने लगातार दूसरे दिन जिला अस्पताल का भ्रमण किया। जैसे-जैसे डॉ हेमलता के कदम आगे बढ़ते गए, वैसे-वैसे जिला अस्पताल में व्याप्त गंदगी और अनियमितता सामने आती गई। जो एक बड़े घोटाले की तरफ इशारा करता है। ब्लड बैंक के पहले उन्होंने पैथोलॉजी का निरीक्षण किया। जहां पर उन्होंने गहराई से पैथोलॉजी कक्ष में लगे इंस्ट्रूमेंट की जानकारी प्राप्त की। गौरतलब है कि पैथोलॉजी कक्ष में लाखों रुपए इन्वेस्ट करके ऑटोमेटिक लैब बनाया गया है। यह मशीन जिले की सबसे अच्छी पैथोलॉजी से भी अच्छी रिपोर्ट देती है, लेकिन मशीनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई उपाय नहीं किए गए। जिस पर डॉ हेमलता ने कहा कि महंगे मशीनों की सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां से निकलकर उन्होंने प्रश्नोत्तर केंद्र का निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत की। यहां पर भी सुधार की काफी गुंजाइश दिखाई पड़ी। मेंटेनेंस का अभाव दिखा, ब्लड बैंक में रखे रेफ्रिजरेटर के विषय में उन्होंने जानकारी प्राप्त की तो पता चला रेफ्रिजरेटर ठीक है, परंतु नया आ जाने से पुराना निष्प्रयोज्य हो चुका है। यहां से निकल कर डॉ हेमलता अस्पताल के पीछे पहुंच गई। जहां गंदगी का ढेर नजर आया। इस पर उन्होंने मौके पर मौजूद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से कहा नगर पालिका के कर्मचारियों को सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ईएनटी की जगह महिला विभाग को लाने की दी सलाह- बर्न यूनिट में पसरे सन्नाटे को देखकर उन्होंने कहा कि यहां पर महिला विभाग को शिफ्ट किया जाना चाहिए। क्योंकि वर्तमान समय में चल रहे महिला विभाग काफी कम जगह हैं। गौरतलब है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बर्न यूनिट की नवनिर्मित भवन में आंख और कान के डॉक्टर को बैठा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान केवल एक डॉक्टर मौके पर मिले।