प्रो. गुप्ता ने कहा के आरटीयू टेक्युप के तहत रोजाना 8 से 10 फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम करा रहा है। गुप्ता ने इंडस्ट्री— इंस्टीट्यूट्स के आपसी समन्वय की महत्ता बताई। कॉलेजों में एकेडमिक्स के साथ रिसर्च की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, प्रो. धीरेंद्र माथुर ने टेक्युप थर्ड प्रोग्राम की जानकारी दी। कहा कि टेक्युप एक्टिविटीज कराने के लिए 6 माह का एक्सटेंशन मिला है।
प्रो. जी. एस. डंगायच ने ‘वेरियस जनरेशन ऑफ इंडस्ट्री’ सब्जेक्ट पर विचार रखे। बताया कि फर्स्ट जनरेशन इंडस्ट्री में जहां सिर्फ गिने चुने पीसी हुआ करते थे। वहीं फोर्थ जनरेशन में आईओटी, एआई, रोबोटिक्स व एंड्रॉयड जैसी तकनीकों पर काम हो रहा है। भविष्य में इन तकनीकों की वजह से जहां रोजगार बढ़ेंगे। वहीं नई चुनौतियां भी सामने आएंगी।
एफडीपी में पूर्णिमा ग्रुप के डायरेक्टर राहुल सिंघी, आरटीयू के एफडीपी के इवेंट कॉर्डिनेटर डॉ. बी. डी. गिडवानी, पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ. महेश बुंदेले सहित कई नाम शामिल हुए।