कॉरपोरेट बॉन्डों में एफपीआई निवेश सीमा बढ़ाकर 2,66,700 करोड़
इसके अलावा सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय एजेंसी, बीमा कोष, पेंशन कोष और विदेशी केंद्रीय बैंक जैसे एफपीआई के केंद्र सरकार के बॉन्ड में दीर्घ अवधि निवेश की सीमा गुरुवार को बढ़ाकर 78,700 करोड़ रुपये कर दी गई जिसे 1 अक्टूबर के बाद 92,300 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इससे पहले यह 44,100 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार कॉरपोरेट बॉन्डों में एफपीआई निवेश की सीमा को बढ़ाकर 2,66,700 करोड़ रुपये कर दिया गया। 1 अक्टूबर के बाद इसे और बढ़ाकर 2,89,100 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। पहले यह सीमा 2,44,323 करोड़ रुपये थी।
इसके अलावा सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय एजेंसी, बीमा कोष, पेंशन कोष और विदेशी केंद्रीय बैंक जैसे एफपीआई के केंद्र सरकार के बॉन्ड में दीर्घ अवधि निवेश की सीमा गुरुवार को बढ़ाकर 78,700 करोड़ रुपये कर दी गई जिसे 1 अक्टूबर के बाद 92,300 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इससे पहले यह 44,100 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार कॉरपोरेट बॉन्डों में एफपीआई निवेश की सीमा को बढ़ाकर 2,66,700 करोड़ रुपये कर दिया गया। 1 अक्टूबर के बाद इसे और बढ़ाकर 2,89,100 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। पहले यह सीमा 2,44,323 करोड़ रुपये थी।
विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड जमा माना जा रहा है कि सेबी के इन प्रयासों से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और पहले ही विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड जमा अपने और भी उच्चतम स्तर पर पहुंचेगा।
बता दें कि आरबीआई के अनुसार, 6 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार $50.36 करोड़ बढ़कर $424.86 अरब के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, यूरो, डॉलर, पाउंड जैसी विदेशी मुद्राओं में रखे जाने वाले फॉरेन करेंसी असेट्स $65.77 करोड़ बढ़कर $399.77 अरब रहे। इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार घटकर $21.48 अरब के स्तर पर अपरिवर्तित रहा।
बता दें कि आरबीआई के अनुसार, 6 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार $50.36 करोड़ बढ़कर $424.86 अरब के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, यूरो, डॉलर, पाउंड जैसी विदेशी मुद्राओं में रखे जाने वाले फॉरेन करेंसी असेट्स $65.77 करोड़ बढ़कर $399.77 अरब रहे। इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार घटकर $21.48 अरब के स्तर पर अपरिवर्तित रहा।
सेबी ने लिया है फैसला, सीमा दो बार में बढ़ाई जाएगी
12 अप्रैल और 1 अक्टूबर से बढ़ाने का निर्णय किया
देश के पूंजी बाजार में विदेशी पूंजी के प्रवाह को बढ़ाने का प्रयास
12 अप्रैल से बढ़ाकर 2,07,300 करोड़ रुपये कर दी गई एफपीआई लिमिट
इससे पहले उनके लिए यह सीमा 1,89,700 करोड़ रुपये थी
कॉरपोरेट बॉन्डों में एफपीआई निवेश सीमा बढ़ाकर 2,66,700 करोड़ की गई
1 अक्टूबर के बाद इसे और बढ़ाकर 2,89,100 करोड़ किया जाएगा
12 अप्रैल और 1 अक्टूबर से बढ़ाने का निर्णय किया
देश के पूंजी बाजार में विदेशी पूंजी के प्रवाह को बढ़ाने का प्रयास
12 अप्रैल से बढ़ाकर 2,07,300 करोड़ रुपये कर दी गई एफपीआई लिमिट
इससे पहले उनके लिए यह सीमा 1,89,700 करोड़ रुपये थी
कॉरपोरेट बॉन्डों में एफपीआई निवेश सीमा बढ़ाकर 2,66,700 करोड़ की गई
1 अक्टूबर के बाद इसे और बढ़ाकर 2,89,100 करोड़ किया जाएगा