एटीएस ने कर्नल से लिंक वाले संदेह के दायरे में आए सैन्य अधिकारियों का सेना से रिकॉर्ड मांगा है। इधर, एटीएस के साथ ही सेना की खुफिया विंग भी अपने स्तर पर जांच में लगी है। दरअसल, एटीएस ने कर्नल पुरी को गिरफ्तार करके उनका रिमांड लिया। कई दिन पूछताछ के बाद रिमांड अवधि पूरी होने से पहले कर्नल पुरी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
इसके पीछे एटीएस अधिकारियों का तर्क है कि कर्नल पुरी से कई तथ्य ऐसे मिले हैं, जिनके बारे में सेना से रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कर्नल पुरी के जब्त लेपटॉप, डिवाइस और मोबाइल की जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है।
सूत्रों के मुताबिक, कर्नल पुरी के मोबाइल में ऑटोमेटिक कॉल रिकॉर्डिंग में कई सेना के अधिकारियों से संदिग्ध बातचीत हैं। इससे भी सेना में हड़कंप मचा हुआ है। जब्त दस्तावेज की जांच एटीएस ने जेल गए डिफेंस एकेडमी के संचालक सुनील व्यास, महेंद्र सिंह ओला और नंदसिंह राठौड़ से पूछताछ और मिले सबूतों की जांच लगभग पूरी कर ली है। इसके साथ ही कर्नल डॉ. पुरी के जोधपुर और बरेली से जब्त दस्तावेज की जांच चल रही है। एटीएस की जांच अब एफएसएल से आने वाली रिपोर्ट पर टिकी हुई है।
यह था मामला आर्मी इंटेलीजेंस ने मई 2017 में उदयपुर में रुपए लेकर सेना भर्ती कराने वाले एक बिचौलिया को पकड़ कर एटीएस के सुपुर्द किया था। एटीएस ने बिचौलिया से पूछताछ के बाद जयपुर में छापेमारी करके महेंद्र सिंह, नंद सिंह, अर्जुन सिंह और सुनील व्यास को गिरफ्तार किया था।