लौहार के नाम से बना दिए तीन करोड़ रुपए के फर्जी बिल
प्रदेश में 58 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का मामला

जयपुर . फर्जी फर्में और फर्जी बिल बनाकर कागजों में माल की सप्लाई दिखाने और करीब 58 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी करने के मामले में नया मोड़ आया है। केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय की जयपुर टीम ने बुधवार को खुशी एंटरप्राइजेज के कागजी मालिक चौमूं निवासी आरिफ खान को खोज निकाला।
आरिफ पेशे से लौहार है, जिसके नाम से ३ करोड़ के बिल बनाकर ५२ लाख रुपए की चोरी की गई है। विभाग इस मामले में गुरुवार को होने वाली सुनवाई में मुख्य आरोपी पंकज खंडेलवाल, संदीप अग्रवाल और श्रीराम कुमार के सामने आरिफ को सरकारी गवाह बनाकर पेश करेगा। गौरतलब है कि इन तीनों ने जमानत की अर्जी लगाई है।
आरिफ ने बताया की मेरे नाम से फर्जी कंपनी बनाई गई है। मैंने अपने काम के लिए किसी की सलाह पर टिन नंबर लेने के लिए कागज दिए थे। पंकज ने गलत उपयोग कर खुशी एंटरप्राइजेज फर्म बनाई।
राजस्थान से शुरुआत
विभाग का कहना है कि केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय को सबसे पहले वित्त मंत्रलाय से इनपुट आया था। इसके बाद विभाग ने इस गिरोह को पकड़ा। हालांकि अभी और भी गिरफ्तारी होंगी क्योंकि विभाग अब इन बिल की आखिरी पार्टी को तलाश रहा है। इसमें कई अहम नाम सामने आ सकते हैं।
दस साल में बनाई 75 फर्जी कंपनियां
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर माइंड गाजियाबाद निवासी संदीप अग्रवाल 2008 में टिफिन सप्लाई का काम करता था। इसके बाद १० साल में अग्रवाल ने ७५ से ज्यादा फर्जी कंपनियां बना ली। अकेले संदीप ने इन कंपनियों से ७७ करोड़ के बिल बनाकर १६ करोड़ रुपए की टैक्स चोरी को
अंजाम दिया।
डिजिटल रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल
इन तीनों आरोपियों ने देशभर में कंपनियों के जमकर फर्जी डिजिटल रजिस्ट्रेशन करवाए। इनका पूरा रैकेट मोबाइल पर वॉट्सऐप के जरिए चलता था। विभाग ने इनकी वॉट्सऐप चैट के आधार पर सैकड़ों कंपनियों के फर्जी रजिस्ट्रेशन पकड़े हैं। इन तीनों के अलावा एक आरोपी आदित्य गुप्ता अभी फरार है।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज