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अब और ज्यादा आरामदायक होगा जयपुर मेट्रो का ‘अगला सफर’! जेएमआरसी उठा रही ऐसा कदम

locationजयपुरPublished: Jan 04, 2018 02:24:21 pm

Submitted by:

dinesh

जेएमआरसी फ्रांस की कंपनी एजिस रेल से करवा रही है सर्वे…

Jaipur Metro
जयपुर। जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के फेज—2 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बदलाव के लिए सर्वे की कवायद अंतिम चरण में है। फ्रेंच कंपनी अगले महीने तक जयपुर मेट्रो रेल प्रशासन को स्टडी रिपोर्ट सौंप देगी। मेट्रो सूत्रों के मुताबिक फ्रांस की कंपनी मेट्रो फेज—2 की लागत कम करने और इसे लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए डीपीआर में बदलाव या संशोधन के मकसद से प्रोजेक्ट की स्टडी कर रही है। कंपनी ने अक्टूबर 2017 में सर्वे शुरू किया था। फरवरी 2018 तक सर्वे पूरा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि अगले महीने तक फ्रेंच कंपनी जेएमआरसी को स्टडी रिपोर्ट सौंप देगी। इस रिपोर्ट के बाद मेट्रो फेज—2 प्रोजेक्ट में बदलाव या संशोधन पर फैसला होगा। सर्वे कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जयपुर के ज्यादातर लोगों ने मेट्रो के फेज—2 को लेकर पॉजिटिव रिस्पोंस दिया है।
अम्बाबाड़ी स्टेशन की सुलझेगी उलझन
गौरतलब है कि जयपुर मेट्रो फेज—2 का रूट सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक है। अम्बाबाड़ी में जहां पर मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है, वह जगह झोटवाड़ा पुलिया से सटी हुई है। राज्य सरकार बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए झोटवाड़ा पुलिया का विस्तार करना चाहती है। लेकिन पुलिया विस्तार में मेट्रो स्टेशन की लोकेशन आड़े आ रही है। प्रोजेक्ट की स्टडी कर रही फ्रेंच कंपनी झोटवाड़ा पुलिया और मेट्रो स्टेशन की लोकेशन को लेकर आ रहा पेंच सुलझाने का रास्ता बताएगी। बताया जा रहा है कि कंपनी जेएमआरसी को दो—तीन विकल्प सुझाएगी।
पहले हो चुका है संशोधन
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार शासन में साल 2012 में बनी डीपीआर को वर्तमान भाजपा सरकार ने साल 2014 में संशोधित करवाया। मेट्रो फेज—2 की पहली डीपीआर 2012 में बनी थी। इसमें सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक करीब 24 किलोमीटर लम्बे रूट पर मेट्रो चलाने का खर्च 6,583 करोड़ रुपए अनुमानित था। जो साल 2014 की संशोधित डीपीआर में बढकऱ 10,300 करोड़ रुपए हो गया। संशोधित डीपीआर में एक और बदलाव ये आया कि इसमें अंडरग्राउंड स्टेशनों की संख्या 5 से बढकऱ 7 हो गई। जबकि एलिवेटेड स्टेशन की संख्या 15 से घटकर 13 हो गई। राज्य सरकार ने फेज—2 में निवेश तलाशने के लिए जुलाई 2014 में डीपीआर में संशोधन किया।
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