अम्बाबाड़ी स्टेशन की सुलझेगी उलझन
गौरतलब है कि जयपुर मेट्रो फेज—2 का रूट सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक है। अम्बाबाड़ी में जहां पर मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है, वह जगह झोटवाड़ा पुलिया से सटी हुई है। राज्य सरकार बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए झोटवाड़ा पुलिया का विस्तार करना चाहती है। लेकिन पुलिया विस्तार में मेट्रो स्टेशन की लोकेशन आड़े आ रही है। प्रोजेक्ट की स्टडी कर रही फ्रेंच कंपनी झोटवाड़ा पुलिया और मेट्रो स्टेशन की लोकेशन को लेकर आ रहा पेंच सुलझाने का रास्ता बताएगी। बताया जा रहा है कि कंपनी जेएमआरसी को दो—तीन विकल्प सुझाएगी।
गौरतलब है कि जयपुर मेट्रो फेज—2 का रूट सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक है। अम्बाबाड़ी में जहां पर मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है, वह जगह झोटवाड़ा पुलिया से सटी हुई है। राज्य सरकार बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए झोटवाड़ा पुलिया का विस्तार करना चाहती है। लेकिन पुलिया विस्तार में मेट्रो स्टेशन की लोकेशन आड़े आ रही है। प्रोजेक्ट की स्टडी कर रही फ्रेंच कंपनी झोटवाड़ा पुलिया और मेट्रो स्टेशन की लोकेशन को लेकर आ रहा पेंच सुलझाने का रास्ता बताएगी। बताया जा रहा है कि कंपनी जेएमआरसी को दो—तीन विकल्प सुझाएगी।
पहले हो चुका है संशोधन
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार शासन में साल 2012 में बनी डीपीआर को वर्तमान भाजपा सरकार ने साल 2014 में संशोधित करवाया। मेट्रो फेज—2 की पहली डीपीआर 2012 में बनी थी। इसमें सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक करीब 24 किलोमीटर लम्बे रूट पर मेट्रो चलाने का खर्च 6,583 करोड़ रुपए अनुमानित था। जो साल 2014 की संशोधित डीपीआर में बढकऱ 10,300 करोड़ रुपए हो गया। संशोधित डीपीआर में एक और बदलाव ये आया कि इसमें अंडरग्राउंड स्टेशनों की संख्या 5 से बढकऱ 7 हो गई। जबकि एलिवेटेड स्टेशन की संख्या 15 से घटकर 13 हो गई। राज्य सरकार ने फेज—2 में निवेश तलाशने के लिए जुलाई 2014 में डीपीआर में संशोधन किया।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार शासन में साल 2012 में बनी डीपीआर को वर्तमान भाजपा सरकार ने साल 2014 में संशोधित करवाया। मेट्रो फेज—2 की पहली डीपीआर 2012 में बनी थी। इसमें सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक करीब 24 किलोमीटर लम्बे रूट पर मेट्रो चलाने का खर्च 6,583 करोड़ रुपए अनुमानित था। जो साल 2014 की संशोधित डीपीआर में बढकऱ 10,300 करोड़ रुपए हो गया। संशोधित डीपीआर में एक और बदलाव ये आया कि इसमें अंडरग्राउंड स्टेशनों की संख्या 5 से बढकऱ 7 हो गई। जबकि एलिवेटेड स्टेशन की संख्या 15 से घटकर 13 हो गई। राज्य सरकार ने फेज—2 में निवेश तलाशने के लिए जुलाई 2014 में डीपीआर में संशोधन किया।