शेर को डर कहीं पिंजरे में कैद ना हो जाऊं, इसलिए डरा-डरा फिर रहा
जयपुरPublished: Oct 21, 2019 12:42:25 am
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में इन दिनों हालात कुछ ठीक नहीं है।
शेर को डर कहीं पिंजरे में कैद ना हो जाऊं, इसलिए डरा-डरा फिर रहा
जयपुर. नाहरगढ़ जैविक उद्यान में इन दिनों हालात कुछ ठीक नहीं है। केनाइन डिस्टेंपर वायरस के बाद अब लॉयन तेजस ने विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। तीन दिन से लॉयन तेजस पिंजरे में कैद होने के भय से जंगल में घूम रहा है।
मामला यह है कि, जैविक उद्यान में शेरनी सुजैन, मादा शावक रिद्धि और सफेद बाघिन सीता की मौत के बाद वायरस के भय के चलते २२ दिन तक लॉयन सफारी बंद कर दी गई थी। इस दौरान तेजस को पूरे समय अपने पिंजरे में ही रखा गया। अब रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लॉयन सफारी को फिर से शुरू कर दिया गया है, लेकिन लॉयन तेजस के मन में अब फिर कैद होने के भय बैठ गया।
इसके चलते तीन दिन से लॉयन तेजस सफारी क्षेत्र में बने एनक्लोजर में आने से कतरा रहा है। जबकि मादा लॉयन तारा और नर लॉयन त्रिपुर शाम होते ही एनक्लोजर में आ जाते है। ऐसी स्थिति में लॉयन तेजस पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त स्टाफ भी लगा रखा है। जंगल में ड्रोन से उसके ठीकाने तलाशकर ही उसे भोजन पहुंचाया जा रहा है।
वनाधिकारियों का कहना है कि सफारी के दौरान तीनों लॉयन को शाम में एनक्लोजर में बंद किया जाता है, सुबह वापस बाहर निकाल लेते है। जिसके बाद वह जंगल में घूमते रहते हैं।उन्होंने कहा कि, लम्बे समय एनक्लोजर में बंद रहने के बाद जानवरों में कई बार भय बैठ जाता है। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। कई कोई समस्या नहीं है।