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GALATA TIRTH : रामानुज कीर्ति स्तंभ के परिक्रमा कर निकाली प्रभातफेरी

locationजयपुरPublished: Apr 18, 2021 10:07:28 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

गलता तीर्थ (Galata Tirth) सहित शहर के अन्य मंदिरों में रविवार को सादगी के बीच श्रीरामानुज जयंती महोत्सव (Ramanuja Jayanti Festival) मनाया गया। मुख्य आयोजन गलता तीर्थ में गलतापीठ के स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में हुआ। सुबह गलता पीठ स्थित रामानुज कीर्ति स्तंभ की अर्चना की गई। इस मौके पर पंचधाटी स्तोत्र, श्रीरामानुज चालीसा आदि के पाठ करते हुए कीर्ति स्तंभ की परिक्रमा करते हुए प्रभात फेरी निकाली गई।

GALATA TIRTH : रामानुज कीर्ति स्तंभ के परिक्रमा कर निकाली प्रभातफेरी

GALATA TIRTH : रामानुज कीर्ति स्तंभ के परिक्रमा कर निकाली प्रभातफेरी

रामानुज कीर्ति स्तंभ के परिक्रमा कर निकाली प्रभातफेरी
— कोरोना के चलते सादगी से मनाया रामानुज जयंती महोत्सव
— गलता तीर्थ में 10 दिवसीय रामानुज जयंती महोत्सव सम्पन्न

जयपुर। गलता तीर्थ (Galata Tirth) सहित शहर के अन्य मंदिरों में रविवार को सादगी के बीच श्रीरामानुज जयंती महोत्सव (Ramanuja Jayanti Festival) मनाया गया। मुख्य आयोजन गलता तीर्थ में गलतापीठ के स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में हुआ। सुबह गलता पीठ स्थित रामानुज कीर्ति स्तंभ की अर्चना की गई। इस मौके पर पंचधाटी स्तोत्र, श्रीरामानुज चालीसा आदि के पाठ करते हुए कीर्ति स्तंभ की परिक्रमा करते हुए प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें स्वामी अवधेशाचार्य के साथ वहीं के संत—महंत शामिल हुए।
गलता पीठ स्थित श्रीरामानुजाचार्यजी के प्राचीन मूल विग्रह का वैदिक विधि से मंत्रोच्चरण के साथ पंचामृत, पंचमेवा, फलों, पंचद्रव्यों, सर्वऔषधि, सहस्त्रधारा, फलों के रस आदि से तिरुमंजन (अभिषेक) किया गया। दिव्य प्रबन्ध व स्तोत्र पाठ आदि का वाचन विद्वानों द्वारा किया गया। रामानुज स्वामी का तुलसी पुष्प से सहस्त्रार्चन किया है। युवाचार्य स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि उत्तर भारत की प्रमुख श्रीवैष्णव पीठ श्रीगलताजी में 9 अप्रेल से चल रहे 10 दिवसीय श्री रामानुज जयंती महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर दस दिन पर्यन्त नियमित रूप से प्रतिदिन तिरूमंजन (अभिषेक), वैदिक विधि से पूजन, अष्टोत्तरशत तुलसी अर्चना, पाठ, हवन, आदि किए गए। रोजाना शरणागति गद्य, श्रीरंगगद्य, श्रीवैकुण्ठ गद्य पाठ तथा शाम को स्तोत्ररत्न, यतिराजविंशति, रामानुज प्रपत्ति, पंचधाटी, भजयतिराजं स्तोत्र आदि के पाठ किये गए। तीर्थ, गोष्ठी प्रसादी का वितरण भी किया गया। इस मौके पर सामाजिक समरसता को स्मरण करते हुए समस्त जीवों के कल्याण की कामना की गई व कोरोना महामारी से रक्षा की प्रार्थना की गई।
यहां भी आयोजन
सूरजपोल, रामानुज मार्ग स्थित मंदिर मुरली मनोहर में अभिषेक, आरती सहित अन्य आयोजन हुए। विशिष्ट अद्वैत परक ग्रंथों पर चर्चा, स्वाध्याय और प्रवचन के कार्यक्रम भी हुए।

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