संयुक्त राष्ट्र ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक विडियो के साथ इस स्टेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लिखा है कि यहां 40 से अधिक महिला कर्मचारी हैं, जो पुरुषों से अधिक कारगर ढंग से अपनी जिम्मेदारियां निभाती हैं। इसका कहना है कि महिलाओं द्वारा स्टेशन का कामकाज संभालने के बाद यहां की सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है।
50 से अधिक ट्रेनें-
महिलाओं को पुरुषों से बेहतर कर्मी करार देते हुए वीडियो में कहा गया है कि एक ऐसे देश में जहां रोजगार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 27 प्रतिशत है, महिलाओं द्वारा इस तरह से एक पूरे रेलवे स्टेशन को संभालना अपने आप में एक मील का पत्थर है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत जयपुर- दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित गांधीनगर स्टेशन से हर रोज 50 से ज्यादा ट्रेन गुजरती हैं और सात हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही से इस स्टेशन पर रौनक रहती हैं। यहां तैनात महिला कर्मियों को स्टेशन के तमाम कामकाज करने का पूरा प्रशिक्षण दिया गया है।
देश के बाकी तमाम रेलवे स्टेशनों की तरह गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर भी रेलवे ओवर ब्रिज है, प्लेटफॉर्म, डिजिटल नोटिस बोर्ड, सीसीटीवी और टिकट खिड़कियों जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन इसे महिलाओं द्वारा संचालित किए जाने की विशेषता ने इसे अपने आप में अनूठा और विशिष्ट बना दिया है। हालांकि मुंबई का माटुंगा उपनगरीय स्टेशन भी महिलाओं द्वारा ही संचालित किया जाता है, लेकिन गांधीनगर मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसके संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं पूरी कर्मठता से निभा रही हैं।