ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि हर माह अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी पर पूजा और व्रत रखने से जहां भक्त संकट की स्थिति से निकलते हैं वहीं विनायक चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा और व्रत से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
व्यापार में सफलता या आर्थिक दुरावस्था दूर करने के लिए गणेशजी का आशीर्वाद आवश्यक है। इसके लिए विनायक चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक गणेशपूजन करना चाहिए. विनायक चतुर्थी पर दिन में दो बार गणेशजी की पूजा करें। सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश की पूजा शुरू करें. गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद ॐ गं ॐ मन्त्र का कम से कम 108 जाप करें.
मध्यान्ह के बाद दोबारा गणेश पूजन कर मोदक का प्रसाद बांटे। खास बात यह है कि इस बार विनायक चतुर्थी बुधवार को है। इस अवसर पर गणेशजी की पूजा करना विशेष फलदायी होगा। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी 18 नवंबर की रात 1.17 बजे से 18 नवंबर रात 11.16 मिनट तक रहेगी। गणेश पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11. 02 बजे से दोपहर 1.10 मिनट बजे तक का है।