ईसर—गणगौर की पार्वती व शिव के रूप में पूजा की जाएगी। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए पूजा करेगी, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना और अखंड सुहाग की कामना के लिए व्रत रखकर गणगौर पूजन करेगी। इससे एक दिन पहले गणगौर का सिंजारा मनाया जाएगा। नवविवाहिताओं के पीहर से सिंजारा आएगा। सिंजारे में मिठाई व घेवर के साथ कपड़े आएंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. चन्द्रमोहन दाधीच ने बताया कि सर्वार्थसिद्धी योग में गणगौर पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पार्वती व शिव स्वरूप ईसर—पार्वती की पूजा की जाएगी। पूजन कर उन्हें भोग स्वरूप गुणा—सकरपारा अर्पित किए जाएंगे। इस दिन उद्यापन करने वाली महिलाएं 16 सुहागिनों को भोजन कराकर उपहार स्वरूप भेंट देंगी। वहीं उद्यापन नहीं करने वाली महिलाएं अपनी सासु मां को बयाना देकर आशीर्वाद लेंगी।
शाही लवाजमे के साथ निकलेगी गणगौर की सवारी
जयपुर। चैत्र शुक्ल तृतीया पर शुक्रवार को सर्वार्थसिद्धि योग के बीच गणगौर का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन जनानी ड्योढी से शाही लवाजमे के साथ परम्परागत गणगौर की सवारी निकलेगी। यह सवारी 24 व 25 मार्च को निकाली जाएगी। पर्यटन विभाग ने भी इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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100 से अधिक लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति
पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार विदेशी सैलानियों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिन्द होटल के बाहर बैठने का इंतजाम किया गया है। यहां पर वीआईपी लॉउंच में पर्यटकों के लिए जयपुर के परम्परागत घेवर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। शेखावत के अनुसार 24-25 मार्च को दोनों दिन शाम 5:45 बजे जनानी ड्योढ़ी से गणगौर की सवारी निकलेगी, जिसमें प्रदेश भर से 100 से अधिक लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें कच्ची घोडी़, मयूर नृत्य, अलगोजावादक, कालबेलिया नृतकों के समूह, बहुरूपिया कलाकार, मांगणियार औऱ तेरहताली की प्रस्तुतियों के बीच गणगौर माता की सवारी देखने को मिलेगी।