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जयपुर: राजसी ठाठ-बाट के साथ निकली बूढ़ी गणगौर की सवारी, विदेशी पावणों में भी दिखा उत्साह

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2019 09:54:19 pm

Submitted by:

abdul bari

पंचरंगा निशान लिए गजराज पर सवार के बाद त्रिपोलिया गेट से शुरू हुई बूढ़ी गणगौर सवारी के आगे राजस्थानी संस्कृति की कला बिखेरते कलाकार चलते हुए नजर आए।

गणगौर सवारी

जयपुर: राजसी ठाठ-बाट के साथ निकली बूढ़ी गणगौर की सवारी, विदेशी पावणे भी उमड़े

जयपुर
शाही लवाजमे के साथ मंगलवार को बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली गई। बूढ़ी गणगौर के भी वही ठाट-बाट नजर आए। सजे-धजे रथों के साथ अलगोजा, गैर, चकरी, लंगा, शहनाई वादन की गूंज रही। परपंरा को संजोए इस सवारी को देखने विदेशी पावणों सहित शहर के साथ आसपास के ग्रामीण भी उमड़े।
पंचरंगा निशान लिए गजराज पर सवार के बाद त्रिपोलिया गेट से शुरू हुई बूढ़ी गणगौर सवारी के आगे राजस्थानी संस्कृति की कला बिखेरते कलाकार चलते हुए नजर आए। इस दौरान लोगों में माता के दर्शनों की होड़ सी नजर आई। लगभग 80 से ज्यादा कलाकारों ने राजस्थान संस्कृति की छटां को जीवंत कर दिया। छोटी चौपड, गणगौरी बाजार होते हुए सवारी पौंड्रिक उद्यान पहुंची जहां माता को घेवर को भोग लगाया गया। यहां लोगों ने बड़ी संख्या में माता के दर्शन किए। यहा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
कलाकारों ने कहा- यहां की प्रस्तुति का अलग है एहसास
गणगौर महोत्सव के तहत विदेशी पावणों के तिलक लगाकर अगुवाई की गई। वहीं महिलाओं ने मेंहदी लगाई और टेटू भी बनवाए। सवारी के दौरान प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए कलाकारों ने कहा कि वह विदेश में कई बार राजस्थानी संस्कृति की प्रस्तुति के लिए जाते हैं। लेकिन यहां कई सालों से गणगौर की सवारी में प्रस्तुति देखने का अलग मजा है।
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