चांदपोल बाजार स्थित जाट के कुएं के कुएं का रास्ता निवासी अनुराग शर्मा बताती हैं कि हम आस-पड़ोस की महिलाएं हर साल घर में गणगौर स्थापित करती हैं, इस बार भीे हमने होली के दूसरे दिन से ही पूजा अर्चना शुरू कर दी थी। लेकिन अब माहौल बदल गया है, इसलिए हमने मिलकर फैसला किया है कि बाहरी महिलाओं को गणगौर पूजने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमने इसके लिए घर के बाहर यह सूचना चस्पा करने का भी विचार किया है। अनुराग ने बताया कि हम सब भी मास्क पहन कर ही गणगौर पूजते हैं ताकि किसी को भी गलती से ये संक्रमण ना हो।
घेवर का स्वाद हुआ फीका
गणगौर के त्योहार के कारण कई सप्ताह पहले से ही जयपुर के परकोटा क्षेत्र में घेवर बनने की शुरुआत हो गई थी, लेकिन इस वैश्विक महामारी के चलते इस पारम्परिक मिठाई का स्वाद ही फीका पड़ गया है। हलवाई की दुकानें नहीं खुलने के कारण लोग घेवर नहीं खरीद पा रहे हैं। सिंझारे का त्योहार भीग घेवर बिना सूना ही रह गया। अब महिलाएं घर में बनी मिठाईयों से ही गौर माता का पूजन करेंगी।
गणगौर के त्योहार के कारण कई सप्ताह पहले से ही जयपुर के परकोटा क्षेत्र में घेवर बनने की शुरुआत हो गई थी, लेकिन इस वैश्विक महामारी के चलते इस पारम्परिक मिठाई का स्वाद ही फीका पड़ गया है। हलवाई की दुकानें नहीं खुलने के कारण लोग घेवर नहीं खरीद पा रहे हैं। सिंझारे का त्योहार भीग घेवर बिना सूना ही रह गया। अब महिलाएं घर में बनी मिठाईयों से ही गौर माता का पूजन करेंगी।