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NGT guideline : नदी तालाबों में नहीं होगा गणपति विसर्जन

locationजयपुरPublished: Sep 09, 2019 03:41:11 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

NGT guideline : नदी तालाबों में नहीं होगा गणपति विसर्जनएनजीटी ने जारी किए आदेशनदी तालाबों को प्रदूषण से बचाने की कवायदघर में बाल्टी में करें गणपति का विसर्जननदी में पूजन सामग्री डालने पर भी रोकप्रतिबंधित पॉलिथिन का उपयोग भी नहीं

NGT guideline : देश भर में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ गणेशोत्सव ( Ganesh chaturthi ) मनाया जा रहा है। उत्सव का समापन 12 सितंबर ( 12 september ) को होगा और इस अवसर पर नदी ( River ) तालाबों ( Ponds ) गणपति का विसर्जन ( Visarjan ) किया जाएगा लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( National green tribunal ) की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक उत्सव के समापन पर गणपति का विसर्जन नदी तालाब में नहीं किया जा सकेगा। एनजीटी की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक घर की बाल्टी में ही गणेश प्रतिमा विसर्जन करने के लिएलोगों को जागरुक करने की बात कही गई है। जिससे नदी तालाबों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि एेसा नहीं किया जाता तो नदी तालाब में कुंड बनाकर विसर्जन करवाया जाए जो जल स्त्रोतों को प्रदूषण से बचाया जा सके। एनजीटी ने विभिन्न त्योहारों एवं पर्वों पर मूर्तिकारों की ओर से निर्मित की जाने वाली मूर्तियों के निर्माण में अघुलनशील सामग्री और प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया है यानी मूर्ति निर्माण में ऐसी मिट्टी का उपयोग हो जो घुलनशील हो। इसके साथ ही मूर्तियों की ऊंचाई भी निर्धारित की गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश में मूूर्तिकार की ओर से त्योहारों के अवसरों पर निर्मित की जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। ट्रिब्यूनल के दिए गए आदेश के अनुसार जिन स्थानों में मूर्तियों का विसर्जन तालाब, नदी आदि में किया जाता है, उन स्थानों में निर्मित और स्थापित की जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई पांच फीट से अधिक न होनी चाहिए। एेसे रंग उपयोग में लाए जाने चाहिए जो इको फ्रेंडली हो तथा जिनसे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। मूर्ति निर्माण में सिंथेटिक केमिकल, पेंट्सए डाई आदि का उपयोग भी प्रतिबंधित किया गया है।
यह है एनजीटी के आदेश
जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर नहीं किया जाए प्रतिमाओं का विसर्जन
विसर्जन के लिए निश्चित किए जाएं अलग से स्थान
पूजन सामग्री नदी तालाबों में नहीं डाली जाए
विसर्जन स्थल के चारों ओर बनाया जाए सुरक्षा घेरा
विसर्जन स्थल के तल में सिंथेटिक लाइनर लगाया जाए
विसर्जन स्थल के पास ठोस अपशिष्ट नहीं जलाया जाए
विसर्जन के २४ घंटे के भीतर जल स्त्रोत से विसर्जित फल, वस्त्र और सजावटी सामान निकाला जाए

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