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कहां होगा गणपति विसर्जन, जिम्मेदारों को फिक्र नहीं

locationजयपुरPublished: Sep 17, 2018 10:30:26 am

Submitted by:

Mridula Sharma

सुस्त नगर निगम, एक सप्ताह बाद होगा विसर्जन

maotha lake jaipur

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जयपुर. शहर में गणेशोत्सव की धूम मची है, एक सप्ताह बाद विसर्जन का क्रम चलेगा, लेकिन विसर्जन कहां होगा, इसकी जिम्मेदारों को कोई चिन्ता नजर नहीं आ रही। मावठे में पानी बहुत कम है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बड़ी मूॢतयों का विजर्सन वहां कैसे हो पाएगा। शहर के हजारों घरों सहित गली-मोहल्लों में गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना की गई है। खासकर गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार से आए लोग बड़े स्तर पर यह त्योहार मनाते हैं। ज्योतिर्विद घनश्यामलाल स्वर्णकार का कहना है कि प्रतिमा विसर्जन जल में ही होना चाहिए। लेकिन पड़ताल की तो सामने आया कि मावठे का बड़ा भाग खाली है, महज एक हिस्से में पानी बचा है लेकिन नगर निगम ने फिलहाल कोई व्यवस्था तय नहीं की है। हालांकि आयुक्त मोहनलाल यादव का कहना है कि एक-दो दिन में विकल्प तय कर लिए जाएंगे।
गणेश चतुर्थी के ठीक 10 दिन बार अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस साल अनुमान है कि शहर में करीब 500 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। बीते पांच सालों में राजधानी में गणेश विसर्जन का चलन का काफी बढ़ गया है। जगह-जगह पांडाल भी सजने लगे हैं और वहां रोजना भजन आरती का कार्यक्रम भी रखा जाता है। दरअसल गणेश चतुर्थी पर्व महाराष्ट्र और गुजरात में भी बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में भी 10 दिन के लिए गणेश जी की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। वहां हर घर-घर में गणेशजी स्थापित किए जाते हैं। यही चलन अब जयपुर में भी चल पड़ा है। गणेश प्रतिमा से सजे पांडालों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है।
एक विकल्प यह भी
कानोता बांध भी विजर्सन के लिए विकल्प हो सकता है। जलमहल में कई साल तक विसर्जन किया गया, लेकिन दूषित पानी बढऩे से लोग वहां विसर्जन करने से बचते हैं। अब देखते हैं कि प्रशासन इस बारे में क्या कदम उठाता है। अनंत चतुर्दशी इस बार शनिवार की होगी।
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