चेतावनी दर चेतावनी, नहीं सुधरे हाल – जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन ने सभी जोन उपायुक्तों को निर्देश दिए थे कि कि उन खाली भूखंडों को चिह्नित करें, जिनमें गंदगी के ढेर लगे हैं। ऐसे भूखंडों के मालिकों को 25 अगस्त तक अपने भूखंड से अपने हर्जे-खर्चे पर कचरा हटवाना होगा। यदि भूखंड स्वामी ऐसा नहीं करेंगे तो उस संपत्ति को अधिग्रहित करके नगर निगम जयपुर की संपत्ति का बोर्ड लगा दिया जाएगा। पहले खाली भूखंड से कचरा हटाने की डैडलाइन 15 अगस्त तक थी, बाद में निगम ने इसे बढ़ाकर 25अगस्त कर दिया था।
अब भी खाली भूखंडों में कचरा है बड़ी समस्या – गौरतलब है कि नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न जोनों/वार्डों में बड़ी तादाद में खाली भूखण्ड पड़े हैं। इनके आस-पास के लोग यहां कचरा डाल रहे है। खाली भूखण्डों में कचरा डालने से गन्दगी और बदबू से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। निगम अब इस पर रोक लगाकर जयपुर शहर को साफ व स्वच्छ ग्रीन-क्वीन सिटी बनाने की योजना पर काम कर रहा है। लोगों को चेताया जा रहा है कि खाली भूखण्ड के आस-पास रहने वाले लोग भी यदि निर्धारित कचरा पात्र/कचरा डिपो में कचरा नहीं डालकर भूखंड में डालेंगे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। लेकिन इसका कोई असर अब तक नहीं दिखा है।