किसानों के खेतों की गिरदावरी पेश कर व्यापारियों ने बेचा . .
जिले के किसानों से समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीदने के लिए मथानिया व जोधपुर में खरीद केन्द्र खोले गए थे। 30 मई से 30 जून तक 26 करोड़ 75 लाख से अधिक का लहसुन खरीदा था। यह खरीद दस्तावेजों में किसानों के नाम से थी। किसानों के खेतों की गिरदावरी पेश की गई थी। प्रति किसान से अधिकतम 40 क्विंटल लहसुन खरीदे गए थे। जांच में सामने आया कि खरीद केन्द्र पर जो लहसुन आया था अधिकांश लहसुन किसानों की बजाय व्यापारियों ने बेचा था। नियमों के तहत प्रत्येक किसान को अधिकतम 1.30 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। लेकिन उन्हें सिर्फ पांच हजार रुपए ही मिले। व्यापारियों ने गड़बड़ी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए थे। उन्होंने कोटा व मध्यप्रदेश के किसानों से सस्ते दामों पर लहसुन खरीदा था और इन खरीद केन्द्रों पर बेच दिया था। इस संबंध में मथानिया के श्यामलाल गहलोत के परिवाद पर एसीबी की टीम जांच कर रही है। जांच में धीर-धीरे इस घोटाले की परतें खुल रही है।
जिले के किसानों से समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीदने के लिए मथानिया व जोधपुर में खरीद केन्द्र खोले गए थे। 30 मई से 30 जून तक 26 करोड़ 75 लाख से अधिक का लहसुन खरीदा था। यह खरीद दस्तावेजों में किसानों के नाम से थी। किसानों के खेतों की गिरदावरी पेश की गई थी। प्रति किसान से अधिकतम 40 क्विंटल लहसुन खरीदे गए थे। जांच में सामने आया कि खरीद केन्द्र पर जो लहसुन आया था अधिकांश लहसुन किसानों की बजाय व्यापारियों ने बेचा था। नियमों के तहत प्रत्येक किसान को अधिकतम 1.30 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। लेकिन उन्हें सिर्फ पांच हजार रुपए ही मिले। व्यापारियों ने गड़बड़ी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए थे। उन्होंने कोटा व मध्यप्रदेश के किसानों से सस्ते दामों पर लहसुन खरीदा था और इन खरीद केन्द्रों पर बेच दिया था। इस संबंध में मथानिया के श्यामलाल गहलोत के परिवाद पर एसीबी की टीम जांच कर रही है। जांच में धीर-धीरे इस घोटाले की परतें खुल रही है।