बीसलपुर बांध होगा ऑटोमेशन के दायरे में
बीसलपुर बांध में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एग्वीजिशन सिस्टम (स्काडा) यानि ऑटोमेशन का कार्य किया जा रहा है, जो इसी माह पूरा हो जाएगा। राजस्थान का यह पहला बांध है, जिस पर स्काडा सिस्टम होगा। इस सिस्टम के जरिए बांध के सभी 18 गेटों पर सीसीटीवी कैमरा लगेंगे। जयपुर के सिंचाई भवन में भी इसका कंट्रोल सिस्टम होगा। इस सिस्टम पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अभी बांध के गेट खोलने या बंद करने का काम इलेक्ट्रिकली और मेकेनिकल तरीके से होता है, लेकिन यह सिस्टम लगने के बाद सभी गेट ऑटोमेशन के दायरे में होंगे। इन्हें कंट्रोल रूम से कंट्रोल किया जा सकेगा। साथ ही कैमरे से बांध के गेटों पर पानी के लेवल का पता लग पाएगा। यह सिस्टम बाद में बांसवाड़ा के माही डैम, पाली के जवाई डैम और बूंदी के गुढ़ा डैम में भी लगाया जाएगा।
बीसलपुर बांध में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एग्वीजिशन सिस्टम (स्काडा) यानि ऑटोमेशन का कार्य किया जा रहा है, जो इसी माह पूरा हो जाएगा। राजस्थान का यह पहला बांध है, जिस पर स्काडा सिस्टम होगा। इस सिस्टम के जरिए बांध के सभी 18 गेटों पर सीसीटीवी कैमरा लगेंगे। जयपुर के सिंचाई भवन में भी इसका कंट्रोल सिस्टम होगा। इस सिस्टम पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अभी बांध के गेट खोलने या बंद करने का काम इलेक्ट्रिकली और मेकेनिकल तरीके से होता है, लेकिन यह सिस्टम लगने के बाद सभी गेट ऑटोमेशन के दायरे में होंगे। इन्हें कंट्रोल रूम से कंट्रोल किया जा सकेगा। साथ ही कैमरे से बांध के गेटों पर पानी के लेवल का पता लग पाएगा। यह सिस्टम बाद में बांसवाड़ा के माही डैम, पाली के जवाई डैम और बूंदी के गुढ़ा डैम में भी लगाया जाएगा।
महाराष्ट्र से सीखेंगे बेहतर वितरण प्रणाली, किया एमओयू
कार्यक्रम में महाराष्ट्र और राजस्थान के बीच एमओयू भी हुआ। राजस्थान के जल संसाधन विभाग और महाराष्ट्र जल संसाधन रेगुलेटरी अथॉरिटी के अफसरों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र की तकनीक के आधार पर राजस्थान में भी सिंचाई और बांधों का रखरखाव किया जा सकेगा। साथ ही एक इलाके से दूसरी जगह पानी वितरण की बेहतर तकनीक भी अपनाएंगे। इसके अलावा कमांड एरिया में सिंचाई की तकनीक का आदान प्रदान हो सकेगा।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र और राजस्थान के बीच एमओयू भी हुआ। राजस्थान के जल संसाधन विभाग और महाराष्ट्र जल संसाधन रेगुलेटरी अथॉरिटी के अफसरों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र की तकनीक के आधार पर राजस्थान में भी सिंचाई और बांधों का रखरखाव किया जा सकेगा। साथ ही एक इलाके से दूसरी जगह पानी वितरण की बेहतर तकनीक भी अपनाएंगे। इसके अलावा कमांड एरिया में सिंचाई की तकनीक का आदान प्रदान हो सकेगा।