बतादें कि गौरव पथ की खस्ता हालत की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर ने करीब सात माह पहले गौरव पथ का निरीक्षण किया था। अधिकारियों के अनदेखी पर कलेक्टर ने ज्यादा तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने पानी की लाइन शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इधर, सात माह का समय बीतने के बावजूद जलदाय विभाग ने लाइन शिफ्ट नहीं की है। अब स्थिति इतनी खराब है कि आए दिन वाहन सडक़ में धंसने लगे हैं। पानी की पाइपलाइनें लीकेज हैं, जिसके कारण रोड के नीचे की जमीन दलदली हो रही है, इस पर जब वाहनों का दबाव पड़ते ही सड़क नीचे बैठ जाती है। बिना लाइन शिफ्ट किए कोई समाधान हो नहीं सकता।
सरकार ने जनता के करोड़ों रुपए खर्च कर करीब पौने दो किलोमीटर लम्बा गौरव पथ का निर्माण तो करवाया, लेकिन निर्माण के कुछ ही दिनों बाद अधिकारियों की लापरवाही और आपसी समन्वय की कमी के चलते गौरव पथ बिखरने लग गया है। ऐसे में जनता के मेहनत की कमाई धूल में बह गई और परेशानी भी जनता को भुगतनी पड़ रही है।