तीसरा लोकसभा चुनाव ( lok sabha election 2019 ) जयपुर के लिए अनूठा था। आजादी के बाद प्रदेश के राजप्रमुख रहे जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई मानसिंह ने चुनाव से पहले पुराने आतिश मार्केट में एक सभा की। तब लोगों को लग रहा था कि चुनाव मैदान में आने की घोषणा करेंगे लेकिन वह बोले, ‘हम राजघराने से हैं, वोट नहीं मांगेंगे।’ इसके बाद चर्चा शांत हो गई, लेकिन जयपुर के पूर्व राजपरिवार की पहली महिला गायत्री देवी ( Maharani Gayatri Devi ) ने चुनाव मैदान में आते ही जनता का दिल जीत लिया। वह प्रतिष्ठित राजघराने से होने के साथ ही दुनिया की खूबसूरत महिलाओं में शामिल रही थीं।
उनके मुकाबले में कांग्रेस ने उस समय तक 2 बार राज्यसभा सदस्य रह चुकीं शारदादेवी भार्गव को उम्मीदवार बनाया, लेकिन जनसमर्थन की आंधी में गायत्री देवी को इतने वोट मिले कि बाकी 10 प्रत्याशियों के कुल वोट भी उनके वोटों के एकतिहाई रह गए। गायत्री देवी इस चुनाव सहित 3 बार जयपुर की सांसद रहीं।
आजाद भारत के आखिरी गवर्नर जनरल रहे सी. राजगोपालाचारी से गायत्री देवी की मुलाकात हुई। उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की थी। कांग्रेस से अलग हुए महारावल लक्ष्मण सिंह पार्टी अध्यक्ष थे। वह 1962 से 1979 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। स्वतंत्र पार्टी में अधिकांश सदस्य राजपरिवारों से थे। राजगोपालाचारी से गायत्री देवी की मुलाकात उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट कही जाती है। राजगोपालाचारी ने गायत्री देवी को पार्टी में आने का न्यौता दिया, उन्होंने हां कर दी। इसके बाद अपने पति सवाई मानसिंह से गायत्री देवी ने राजनीति में आने की सहमति ली।
नेहरू ने कहा बेटी जैसी, इंदिरा बोलीं
पंडित जवाहरलाल नेहरू जब रामबाग पर सभा में बोल रहे थे, उन्होंने कहा ‘महारानी साहिब बेटी की तरह हैं। राजनीति में आने की इच्छा थी तो पहले बताते। हम उनका स्वागत करते।’ उन्हीं दिनों एक सभा को संबोधित करने इन्दिरा गांधी आईं उन्होंने कहा ‘औरत कैसी होती है? जो संसद में आती है जनता की सेवा करने, वह औरत ऐसे कांच की गुडिय़ा की तरह नहीं होती जो दूसरों का लिखा पढकऱ सुना दे।’ दरअसल, गायत्री देवी का भाषण रोमन में लिखा होता था।
पंडित जवाहरलाल नेहरू जब रामबाग पर सभा में बोल रहे थे, उन्होंने कहा ‘महारानी साहिब बेटी की तरह हैं। राजनीति में आने की इच्छा थी तो पहले बताते। हम उनका स्वागत करते।’ उन्हीं दिनों एक सभा को संबोधित करने इन्दिरा गांधी आईं उन्होंने कहा ‘औरत कैसी होती है? जो संसद में आती है जनता की सेवा करने, वह औरत ऐसे कांच की गुडिय़ा की तरह नहीं होती जो दूसरों का लिखा पढकऱ सुना दे।’ दरअसल, गायत्री देवी का भाषण रोमन में लिखा होता था।
ऐसे रहा वोटों का बंटवारा
प्रत्याशी————दल——प्राप्त मत————मत प्रतिशत
गायत्री देवी——स्वतंत्र पार्टी—-1,92,909————77.08
शारदा देवी——कांग्रेस——35,217————14.07
विद्या विभा——निर्दलीय——6123————2.45
रामसिंह——निर्दलीय——3756————1.50
ख्याली राम——सीपीआइ——2969——1.19
रघुनाथ सहाय——आरआरपी——2430——0.97
गायत्री देवी———निर्दलीय——2141——0.86
रामपाल——निर्दलीय——1467——0.59
धर्मेन्द्रनाथ——एसओसी——1358——0.54
गुलाबचंद काला——निर्दलीय——1147——0.46
एचए जिंदा निर्दलीय——755——0.30
प्रत्याशी————दल——प्राप्त मत————मत प्रतिशत
गायत्री देवी——स्वतंत्र पार्टी—-1,92,909————77.08
शारदा देवी——कांग्रेस——35,217————14.07
विद्या विभा——निर्दलीय——6123————2.45
रामसिंह——निर्दलीय——3756————1.50
ख्याली राम——सीपीआइ——2969——1.19
रघुनाथ सहाय——आरआरपी——2430——0.97
गायत्री देवी———निर्दलीय——2141——0.86
रामपाल——निर्दलीय——1467——0.59
धर्मेन्द्रनाथ——एसओसी——1358——0.54
गुलाबचंद काला——निर्दलीय——1147——0.46
एचए जिंदा निर्दलीय——755——0.30