मीडिया को बजट की जानकारी देने के बीच में गहलोत ने यह राजनीतिक संदेश भी रखा। इस बयान के बाद कांग्रेस में राजनीतिक गर्माहट आ गई। प्रदेश कांग्रेस पहले ही दो धड़ों में बंटी नजर आती है। इन धड़ों में बंटे मंत्री, विधायक एवं अन्य नेताओं की बयानबाजी पहले ही विवादों को जन्म दे चुकी है। उधर, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बजट अभिभाषण की कार्रवाई में शामिल होने के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। वहां कार्यकर्ता व पदाधिकारियों से चर्चा की। वहां पायलट ने मीडिया से बातचीत में बजट को सर्वकल्याणकारी बताते हुए कहा कि जनता ने कांग्रेस और राहुल गांधी के काम को देखकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने को मौका दिया। यह पार्टी कार्यकर्ता की मेहनत का फल है।
लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election 2019 ) में नहीं दिखा पाए परफॉर्मेंस
मीडिया से बातचीत में गहलोत ने यह भी माना कि लोकसभा चुनाव में हम परफॉर्मेंस नहीं कर पाए। पूरे देश में ही पार्टी परफॉर्मेंस नहीं दे सकी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र की भावना के अनुरूप राजनीति नहीं की। घुमा-फिराकर सेना के पीछे छिपकर राष्ट्रभक्ति, धर्म के नाम पर भावनात्मक मुद्दों को लेकर चुनाव में चले। जनता उनके बहकावे में आ गई। वैसे उन्होंने अपने पांच साल में कोई परफॉर्मेंस नहीं दिखाई। लेकिन भावनात्मक मुद्दों से जनता को पक्ष में कर चुनाव जीत लिया। मेरा मानना है कि लोकतंत्र की प्रक्रिया में जो चुनाव होते हैं, उससे यह हलके चुनाव थे। चुनाव में दूल्हा (उम्मीदवार) कौन है, किसी को फिक्र नहीं थी। सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव हुआ।
मीडिया से बातचीत में गहलोत ने यह भी माना कि लोकसभा चुनाव में हम परफॉर्मेंस नहीं कर पाए। पूरे देश में ही पार्टी परफॉर्मेंस नहीं दे सकी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र की भावना के अनुरूप राजनीति नहीं की। घुमा-फिराकर सेना के पीछे छिपकर राष्ट्रभक्ति, धर्म के नाम पर भावनात्मक मुद्दों को लेकर चुनाव में चले। जनता उनके बहकावे में आ गई। वैसे उन्होंने अपने पांच साल में कोई परफॉर्मेंस नहीं दिखाई। लेकिन भावनात्मक मुद्दों से जनता को पक्ष में कर चुनाव जीत लिया। मेरा मानना है कि लोकतंत्र की प्रक्रिया में जो चुनाव होते हैं, उससे यह हलके चुनाव थे। चुनाव में दूल्हा (उम्मीदवार) कौन है, किसी को फिक्र नहीं थी। सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव हुआ।