गौरतलब है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें एक महीने के भीतर मौजूदा सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। नोटिस में SPG सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उनके आवासीय सुविधा पाने का हकदार नहीं होने का हवाला दिया गया है। टाइप 6बी का यह आवास प्रियंका को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित हुआ था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में आवास सुविधा का प्रावधान नहीं होता और ऐसे में उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ेगा।
सोची समझी साजिश गहलोत ने बयान दिया था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उनका सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने को सोची समझी योजना करार दिया है। एक प्रतिक्रिया जारी करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले गांधी परिवार की सुरक्षा को कम करते हुए एसपीजी कवर वापस लिया और उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की, और अब इसी सुरक्षा कवर का हवाला देते हुए ये कहा जा रहा है कि उन्हें सरकारी आवास के आवंटन का प्रावधान ही नहीं है। गहलोत ने कहा कि इन बातों से स्पष्ट है, कि ये सब कुछ उन्हें परेशान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ पूर्व योजना है।