बजरी का अवैध खनन सरकार के इशारे पर— पूर्व सीएम गहलोत ने बजरी के अवैध खनन को लेकर आरोप लगाए कि इसे सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। बजरी माफियाओं से सरकार की सांठगांठ है। हर महीने करोड़ों रुपए उनके पास पहुंच रहे हैं और जनता परेशान हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सही तरीके से तथ्य पेश नहीं किए। अब खनन पर रोक है तो बजरी माफियाओं ने पैर पसारे लिए और आपस में मिलीभगत का खेल शुरू हो गया। इसकी आड़ में करोड़ों रुपए का खेल चल रहा है। गहलोत ने कहा कि शराब पर गाय कल्याण के लिए सेस लगाया है। मेरा तो कहना है कि कम से कम शराब बिकने से मिलने वाले पैसों को तो गाय के लिए खर्च मत करो। गहलोत ने सरकार पर शराब के नाम पर पांच सौ करोड़ की अवैध वसूली का आरोप भी लगाया।
किसान की कर्जमाफी ढोंग— गहलोत ने राज्य सरकार की ओर से किसानों की कर्ज माफी को एक ढोंग की संज्ञा देते हुए कहा कि सरकार के पास पैसे है नहीं और किसान को बहलाया जा रहा है। अब तो यह स्थिति है कि घर में नहीं दाने और अम्मा चली भुनाने।
पूर्व मुख्यमंत्री को जीवन पर्यंत सरकारी आवास नहीं देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पूछे गए सवाल पर पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि उनका व्यक्तिगत मानना है कि इसे पूरे देश में मानना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जिस संदर्भ में भी यह फैसला दिया है, वह सभी को मानना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधायक और सांसदों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर बंगले आवंटित होते हैं और इसके चलते ही उन्होंने इस मामले में सरकार को पत्र लिखा है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के मामले को लेकर गहलोत ने कहा कि यह लोग कांग्रेस में फूट की बात करते है लेकिन खुद इतने माह बाद भी प्रदेशाध्यक्ष नहीं बना सके है। वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाडी ने सही सवाल उठाए है। भाजपा में अंदर जमकर खींचतान चल रही है। तिवाड़ी ने तो यह तक कह दिया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी वसुंधरा राजे के सामने घुटने टेक दिए हैं। कुछ नेताओं के कांग्रेस में जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि यह संगठन को मिलकर तय करना है।