उनके स्थान पर गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई है। सभी पदों से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। अब देखना होगा कि सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की जगह किसे मंत्री पद दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में 16 जुलाई को शाम 4.30 बजे मंत्रिमंडल में विस्तार किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी से असंतुष्ट चल रहे विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। इसमें वे विधायक शामिल हो सकते हैं, जो सचिन के करीबी होने के बावजूद गहलोत और पार्टी के साथ हैं। इसके अलावा बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों व निर्दलीय में से भी कुछ को केबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में अहम बैठक की। बैठक के बाद वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मीडिया से वार्ता की। इस दौरान राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस दो टुकड़ों में बंटी हुई है। गहलोत की सरकार अल्पमत में है। गहलोत पहले बहुमत साबित करें और बहुमत के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार होना चाहिए। बहुमत साबित करने से ही लोकतंत्र का सम्मान होगा।
आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच तनातनी नई नहीं है। सत्ता और संगठन पर ‘कब्जा’ जमाने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई प्रतिस्पर्धा अब झगड़े में बदलकर उबाल पर है।