इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज धार्मिक स्थलों और धार्मिक मेलों में भीड़भाड़ और प्रबंधन में आवश्यक सुधार के लिए समीक्षा बैठक बुलाई है। शाम 6 बजे मुख्यमंत्री आवास पर सीएम गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पर्यटन, मेला प्राधिकरण और देवस्थान विभाग के प्रमुख अधिकारी शामिल रहेंगे। समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत और मुख्य सचिव उषा शर्मा भी मौजूद रहेंगी।
प्रबंधन पर रहेगा बैठक में फोकस
बताया जाता है कि आज होने वाली समीक्षा बैठक में धार्मिक स्थलों पर जुटने वाली भीड़ और उनके प्रबंधन पर खास फोकस रहने वाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंथन करेंगे ही धार्मिक स्थलों पर ज्यादा तादाद में भीड़ इकट्ठा होने पर उसका किस प्रकार से प्रबंधन किया जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रियों और अधिकारियों से धार्मिक मेलों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में सुधार के लिए उनके सुझाव भी लेंगे।
सरकार अपने हाथों में ले सकती है बड़े धार्मिक स्थलों के प्रबंधन
बताया जाता है कि आज शाम होने वाली समीक्षा बैठक में इस बात पर फैसला हो सकता है कि सरकार बड़े धार्मिक मेले और बड़े धार्मिक स्थलों का प्रबंधन अपने हाथों में ले सकती है। वैसे भी खाटू श्याम जी मंदिर हादसे के बाद रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने बड़े धार्मिक स्थलों को देवस्थान विभाग के सुपुर्द करने की मांग उठाई थी।
चर्चा यह भी है कि समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंदिर प्रबंधन कमेटियों को भी इस बात के निर्देश दे सकते हैं कि धार्मिक मेलों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन बनाई जाए जिससे कि वह गाइडलाइन का पालन करते हुए ही धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर सके और गाइडलाइन की पूरी पालना करने के निर्देश भी स्थानीय पुलिस को दिए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को सीकर की खाटू श्याम जी मंदिर में अलसुबह भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे। इस मामले में निजी सुरक्षाकर्मियों और मंदिर प्रबंधन की बड़ी चूक और लापरवाही सामने आई थी।
इस मामले में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश दिए थे तो वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए मंदिर प्रबंधन पर वीवीआईपी दर्शनों के नाम पर लूट मचाने के आरोप लगाए थे, साथ ही मंदिर प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए मंदिर को देवस्थान विभाग के सुपुर्द करने की मांग भी उठाई थी।
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