कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा बैठक बुलाई है। आज शाम 4 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली समीक्षा बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी और कई चिकित्सा विशेषज्ञ बैठक में मौजूद रहेंगे, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम किस प्रकार की जाए इसे लेकर मंथन करेंगे।
घट सकता है छूट का दायरा
विश्वस्त सूत्रों की माने तो कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद सरकार की ओर से दी गई रियायतों को कम किया जा सकता है। पूर्व में हुई बैठक में भी विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री को सलाह दी थी कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सख्ती बरती जाए, कहा यह भी जा रहा है कि सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों और शादी विवाहों में छूट के दायरे को कम किया जा सकता है। साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की भी कड़ाई से पालना के निर्देश दिए जा सकते हैं।
मास्क को लेकर चल सकता है अभियान
बताया जा रहा है कि बैठक में मास्क की अनिवार्यता को लेकर फैसला लिया सकता है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों और यातायात के दौरान मास्क नहीं पहनने वालों पर पूर्व की भांति पुलिस को कार्रवाई करने का जिम्मा दिया सकता है। साथ ही बाजारों और दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कराने वाले दुकानदारों पर भी कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश दिए जा सकते हैं।
30 नवंबर को जारी हो सकती है नई गाइडलाइन
इधर कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद छूट के दायरे में कमी करने के लिए सरकार की ओर से 30 नवंबर को नई गाइड लाइन जारी हो सकती है, इसे लेकर गृह विभाग के अधिकारियों ने भी संकेत दिए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व में बोल भी चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से अकेले यूरोप में 7 लाख लोगों की मौत हो सकती है, जिसका असर देश पर भी पड़ने वाला है।
स्कूलों शत-प्रतिशत उपस्थिति का फैसला भी हो सकता है वापस
दऱअसल सरकार की सबसे बड़ी चिंता छोटे बच्चे हैं। संभावित तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों में ही देखने की बात कही जा रही है, वही हाल ही में कई स्कूलों में अभी स्कूली बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद स्कूलों को लेकर गहलोत सरकार ने शुक्रवार को ही नई एसओपी जारी की थी।
ऐसे में माना जा रहा है कि स्कूलों में शत-प्रतिशत उपस्थिति का फैसला गहलोत सरकार वापस ले सकती है। गौरतलब है कि पूर्व में गहलोत सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक की शत-प्रतिशत उपस्थिति के आदेश दिए थे हालांकि उसके बाद से ही कई स्कूलों में बच्चे कोरोना कोरोना संक्रमित पाए गए थे।