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Exclusive: बिजली के बिल माफी पर बोले BD Kalla, ‘राज्य सरकार नहीं कर सकती बिल माफ’

locationजयपुरPublished: Jun 04, 2020 01:40:32 pm

Submitted by:

firoz shaifi

बिजली के बिलों की माफी और Corona संकट से निपटने के लिए निर्णयों को लेकर उर्जा और जलदाय मंत्री BD Kalla से खास बातचीत।

फ़िरोज़ सैफ़ी, जयपुर।

कोरोना संकट के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के बीच जारी किए बिजली के बिलों को लेकर सरकार और जनता के बीच खींचतान है। एक ओर से जहां प्रदेश की जनता बिजली के बिलों को माफ करने की मांग पर अड़ी है तो वहीं राज्य सरकार ने बिजली के बिलों को माफ करने से इनकार करते हुए मामला केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है। बिजली के बिलों की माफी और कोरोना संकट से निपटने के लिए निर्णयों को लेकर उर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला से खास बातचीत की गई। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:-
सवालः- जनता की तरफ से बिजली के बिल माफी की मांग की जा रही है, क्या सरकार को जनता की मांग पर ध्यान नहीं देना चाहिए?

जवाब: बिजली कंपनियां डेढ़ लाख करोड़ के घाटे में चल रही है। लॉकडाउन केंद्र सरकार के आदेश पर हुआ है। मैंने चार बार केंद्रीय उर्जा मंत्री से चार बात की है, और उनसे कहा कि पूरे देश में यूनिफ़ॉर्म पॉलिसी बनाएं जो पॉलिसी बनाएंगे, उसकी हम पालना करेंगे। मैंने सुझाव भी दिया था कि लोग घरो में रहे बिजली का उपभोग भी किया, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने न तो दुकानें खुली और न ही फैक्ट्रियां और कारखाने। उनके भी स्थाई शुल्क माफ करने की मांग उठ रही है।

केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए आदेश पारित कराएं कि जो उत्पादन कंपनियां हैं वो लॉकडाउन के दौरान बिजली वितरण कंपनियों को स्थाई शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं दें, अगर वो ऐसा करते हैं तो फिर हम स्थाई शुल्क वसूल नहीं करेंगे। लॉकडाउन के दौरान के बिजली के बिलों को माफ करने की मांग आ रही तो जनता की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार को चाहिए कि वो एक पैकेज दे या फिर पॉलिसी बनाएं, जिससे जनता का पुनर्भरण हो। मेरा दावा है कि कोई भी राज्य सरकार बिजली के बिलों को अपने स्तर पर माफ नहीं कर सकती है, इसके लिए केंद्र सरकार को यूनिफार्म पॉलिसी बनानी ही पड़ेगी। यूनिफॉर्म पॉलिसी पूरे देश में लागू होने के बाद ही जनता को बिजली के बिलों से राहत मिल सकती है।
सवालः-बिल जमा नहीं कराने पर कनेक्श काटने की धमकियां दी जा रही है, क्या ये सही है?

जवाब : लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने तीन माह के बिजली के बिल स्थगित किए हैं, इसलिए किसी भी अधिकारी को ये अधिकार नहीं है कि वो उपभोक्ता के कनेक्शन काटने की धमकी दे, अगर ऐसा हो रहा है तो इसे दिखाएंगे। हमने तो बिजली के बिलों को ही नहीं पानी के बिल भी तीन मीह के लिए स्थगित किए हैं।


सवालः-कोरोना पॉजिटिव की संख्या अभी भी बढ़ रही है, सरकार कैसे निपटेगी इससे

जवाब : जबसे कोरोना संकट शुरू हुआ है राज्य सरकार तभी से अलर्ट है और इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार मंत्रिमंडल के सदस्यों और अधिकारियों के साथ बैठकें कर इस पर काम कर रहे हैं। जनता भी इस लड़ाई में बधाई की पात्र है कि उसने सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन किया। लॉकडाउन 5.0 की बात करें तो मुझे सड़क पर एक भी व्यक्ति ऐसा नजर नहीं आता जो बिना मास्क चल रहा है मुझे उम्मीद है कि हम आने वाले वक्त में कोरोना पर विजय पा लेंगे और हमारी दिनचर्या और अर्थ व्यवस्था भी पटरी पर लौट आएगी।

सवालः-राजकोषीय घाटा कम करने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी होगी?

जवाब : बिजली की दरों की में बढ़ोत्तरी की कोई योजना नहीं है न तो अभी तक दरें बढ़ाई हैं और न ही आगे बढ़ाएंगे, हमने तो किसानों से भी वादा किया है कि हम पांच साल बिजली की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं करेंगे। किसानों से हमें हमदर्दी है।
सवालः-19 जून को राज्यसभा सीटों के लिए मतदान है क्या लगता है दो सीट जीत पाएंगे?
जवाब: राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है और विधानसभा में हमें 125 विधायकों का समर्थन हैं, ऐसे में हमारे पास तो सरप्लस वोट हैं, हम राज्यसभा की दो सीटें जीतेंगे और भाजपा के एक प्रत्याशी का हारना तय है। भाजपा की नीयत ठीक नहीं है एक तरफ तो सिद्धांतों की बात करते हैं दूसरी ओर क्रॉस वोटिंग कराने के लिए अपने दूसरे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारते हैं। भाजपा की रीति नीति में अंतर है।
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