राठौड़ ने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर आदिवासियों के प्रति कांग्रेसी नेता झूठी सहानुभूति प्रकट कर महज वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। आज राजस्थान में आदिवासी समाज पर अत्याचार चरम पर है। पुलिस प्रतिवेदन वर्ष 2021 की रिपोर्ट के आंकड़े यह इंगित करते हैं कि आदिवासी यानी अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराधों में राजस्थान वर्ष 2020 में 1 हजार 878 व वर्ष 2021 में 2 हजार 121 प्रकरणों के साथ देशभर में दूसरे पायदान पर है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार की उपेक्षा के कारण आदिवासी अंचल के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सड़क व पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। वहीं गहलोत सरकार जानबूझकर केन्द्र सरकार की विभिन्न आदिवासी कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ पहुंचाने नहीं दे रही है। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि उनके पास ऐसी कौनसी एजेंसी है, जिसके आधार पर वह कह रहे हैं कि राजस्थान में केन्द्रीय एजेंसियों के दबाव में चुनाव की कार्रवाई हो रही है। उन्हें लचर कानून व्यवस्था व सांप्रदायिक तनाव को लेकर भाजपा को दोषी ठहराने की बजाय पुख्ता सबूत जनता के सामने रखने चाहिए।
राजस्थान में बेरोजगारी 28.8 प्रतिशत
राठौड़ ने कहा कि सेंटर मॉनिटरिंग फॉर इंडियन इकोनॉमी के ताजा सर्वे के अनुसार राजस्थान 28.8 % बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है, लेकिन राहुल ने सभा में युवाओं को बरगलाने के लिए कांग्रेस सरकार की नाकामी का ठीकरा भी केन्द्र सरकार पर फोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि बेणेश्वर धाम में सभा से पूर्व उदयपुर में कांग्रेस के 3 दिवसीय चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह कहना कि राजस्थान में भाजपा के केन्द्रीय नेता तमाशे करने आते हैं, दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सच्चाई तो यह है कि नाकामयाब चिंतन शिविर में कांग्रेस आलाकमान कोई संदेश नहीं दे पाया।