सूत्रों की माने तो बैठक में इस बात पर भी चर्चा होनी है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार के मंत्री ज्यादा से ज्यादा समस्त जनता के बीच बिताएं और उनकी समस्याओं का समाधान करने का काम करें। साथ ही अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों को भी जनता के बीच लेकर जाएं जिससे जनता को अपने कामकाज के लिए भटकना नहीं पड़े।
वहीं प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा संसदीय सचिव बनाए जाने का प्रस्ताव भी मंत्रिपरिषद की बैठक में लाया जाएगा। संसदीय सचिवों के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद की बैठक में मुहर लगने के बाद माना जा रहा है कि एक या 2 दिन में संसदीय सचिव बनाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि 21 नवंबर को ही मंत्रिमंडल पुनर्गठन का किया गया था। ऐसा पहली बार हुआ है कि मंत्रिमंडल में सभी 30 पद भरे गए हैं।