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काम की ख़बर: राजस्थान में अब कोविड संक्रमित मरीज़ों के लिए ‘विशेष गाइडलाइंस’, जानें ध्यान रखने वाली बातें

locationजयपुरPublished: Apr 30, 2021 02:59:46 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

काम की ख़बर: राजस्थान में अब कोविड संक्रमित मरीज़ों के लिए ‘विशेष गाइडलाइंस’, जानें ध्यान रखने वाली बातें

Corona Review Meeting

Corona Review Meeting

जयपुर।

राजस्थान में कोरोना संक्रमित मरीजों के भर्ती और डिस्चार्ज करने के लिए गहलोत सरकार ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत हल्के लक्षण या लक्षण रहित कोविड के रोगियों को घर पर ही रहकर उपचार करने की सलाह दी गई है। जबकि स्थिति गंभीर होने पर तुरंत प्रभाव से अस्पताल में भर्ती होने या चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराने की बात कही गई है।

 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती एवं डिस्चार्ज करने के संबंध में प्रदेश के राजकीय व निजी चिकित्सालयों के प्रभारियों और अधीक्षकों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने भी इस संबंध में वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार विमर्श कर दिशा निर्देश जारी किए हैं।


एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी के अनुसार हल्के लक्षण या लक्षण रहित कोविड के रोगियों का घर पर ही उपचार सम्भव है। इन रोगियों की समय-समय पर घर पर रक्त में ऑक्सीजन स्तर की जांच पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यम या गंभीर लक्षण वाले रोगियों में यदि ऑक्सीजन लेवल सही है (90 प्रतिशत से अधिक) तो उनकी भी समय-समय पर घर पर ही मॉनिटरिंग की जाए। स्थिति में बदलाव या स्थिति गंभीर होने पर तुरन्त चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराया जाए।


डॉ. भंडारी ने बताया कि श्वास लेने में तकलीफ होने, सीने में दर्द, चक्कर आने, मानसिक स्थिति में बदलाव आने की स्थिति में तुरंत रोगी का चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराया जाए। उन्होंने बताया कि मध्यम या गम्भीर लक्षण होने, श्वास लेने में अत्यधिक परेशानी होने (श्वसन दर 30 प्रति मिनट से अधिक हो 90 प्रतिशत से कम हो) या पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा मापने पर ऑक्सीजन लेवल निरन्तर कम होने या मानसिक स्थिति में बदलाव, रक्तचाप में कमी के संकेत एवं लक्षण, सीने में दर्द (हृदयाघात के लक्षण), खून में थक्के जमने की संभावना या इंफ्लेमेटरी मारकर्स में अत्यधिक वृद्धि होने पर रोगियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर इलाज प्रारंभ किया जाए।

 

एसएमएस प्रिन्सिपल ने कहा कि मरीज की क्लीनिकल स्थिति, ऑक्सीजन लेवल एवं इंफ्लेमेटरी मारकर्स के आधार पर पिछले 48 घंटे में रोगी की स्थिति स्थिर रहने और बीमारी नहीं बढ़ने के लक्षण हो। रोगी का कमरे की हवा में श्वास लेते हुए ऑक्सीजन लेवल निरन्तर 90 प्रतिशत से अधिक हो या घर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में सक्षम हो या रोगी की अन्य बीमारियों में जैसे मानसिक स्थिति में बदलाव, रक्तचाप में कमी, सीने में दर्द, खून के थक्के जमने एवं इंफ्लेमेटरी मारकर्स में वृद्धि इत्यादि में सुधार हो तो ऎसे मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऎसे मरीजों को कोविड की आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट डिस्चार्ज के लिए आवश्यक नहीं है।

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