देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को तीन माह का बिल जमा कराने की पहले 31 मई तक की छूट दी थी। अब उस छूट को बढ़ाकर 30 जून करने की घोषणा की गई। साथ ही इस अवधि में कोई पैनेल्टी नहीं वसूले जाने और ना ही किसी का कनेक्शन काटे जाने की घोषणा की गई। लेकिन सरकार ने जो इस संबंध में जो आदेश जारी किए हैं, उसके अनुसार यह छूट केवल उन उपभोक्ताओं के लिए है जिनका बिजली खर्च 150 यूनिट ही है या जिनके कृषि कनेक्शन है। देवनानी ने मुख्यमंत्री गहलोत से मांग की है कि वे बिल जमा कराने में दी गई छूट से 150 यूनिट खर्च की सीमा को हटाने के साथ ही लाॅकडाउन की अवधि का स्थाई शुल्क भी माफ करें।
पहले भी 150 यूनिट खर्च वालों को ही थी छूट देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो पहले छूट की घोषणा की थी उस आदेश में भी यह छूट केवल 150 यूनिट तक खर्च करने वाले एवं कृषि कनेक्शन पर ही दी गई थी, लेकिन ना तो सरकार के स्तर पर और ना ही विद्युत विभाग के स्तर पर जनता को यह बताया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्तर पर की गई घोषणाओं से मध्यमवर्गीय परिवारों को छला जा रहा है जो कि निन्दनीय है।