तीन मंत्रियों बीडी कल्ला, शांति धारीवाल और रघु शर्मा दोपहर 12 बजे से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रसायन उर्वरक मंत्री मनसुख मण्डाविया से मुलाकात करेंगे।
तीनों मंत्रियों के साथ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एसीएस सुधांशु पंत भी उनके साथ गए हैं। गहलोत सरकार के मंत्रियों का आज साम को ही जयपुर लौटने का कार्यक्रम है। गहलोत सरकार के मंत्री केंद्रीय मंत्री के समक्ष इस बात को तार्किक ढंग से रखेंगे कि राजस्थान को मेडिकल ऑक्सीजन और रेमेडे सिविर आदि आवश्यकताओं के निर्धारित कोटे की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है इस कारण प्रदेश में कोविड-19 मरीजों के इलाज में बहुत परेशानी आ रही है।
केंद्रीय मंत्रियों से अलग अलग मुलाकात
गहलोत सरकार के मंत्री आज दिल्ली में चारों मंत्रियों से अलग अलग मुलाकात करेंगे। तीनों मंत्रियों की सबसे पहले केंद्रीय चिकित्सा मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मुलाकात होगी जहां पर तीनों ही मंत्री रेमेडसिविर इंजेक्शन के साथ अन्य दवाओं की सप्लाई का कोटा बढ़ाने के साथ बिना देरी किए राजस्थान को भेजने की बात करेंगे।
जिससे राजस्थान में कोरोना से जंग में सरकार को कोई परेशानी नहीं आए। इसके बाद तीनों मंत्री केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे और दोनों मंत्रियों के समक्ष यह मांग रखेंगे कि सड़क परिवहन और रेल परिवहन के जरिए राजस्थान को ऑक्सीजन का कोटा समय पर भेजा जाए, चूंकि राजस्थान में भी ऑक्सीजन का संकट मंडराने लगा है, लोगों की जान-माल का हानि न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा सड़क और रेल परिवहन के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जाए। इसके बाद मंत्री बीडी कल्ला, शांतिधारीवाल और रघु शर्मा रसायन उर्वरक मंत्री मनसुख मण्डाविया से मुलाकात करेंगे।
समीक्षा बैठक में हुआ दिल्ली जाने का फैसला
इधर तीन मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के लिए दिल्ली भेजने का फैसला सोमवार देर रात कोविड को लेकर चली समीक्षा बैठक में लिया गया था। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य केंद्र सरकार से कोई शिकायत करने नहीं बल्कि अपनी व्यथा बताने और प्रदेशवासियों की जीव रक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की मांग के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
बीते दिनों केंद्र सरकार की ओऱ से राज्य को आवंटित किए गए ऑक्सीजन के परकोटे की बड़ी खेप की गुजरात के जामनगर से आपूर्ति होनी थी जो अभी तक नहीं मिल पाई है। गुजरात के साथ-साथ उड़ीसा और झारखंड से भी राजस्थान को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में टैंकरों की कमी एक बड़ी बाधा है ।
चूंकि प्रदेश में अभी तक ऑक्सीजन परिवहन के लिए केवल 23 टैंकर उपलब्ध है। ऐसे में केंद्र सरकार को राज्यों के साथ चर्चा कर परिवहन के लिए टैंकरों की व्यवस्था भी शामिल करनी चाहिए। ताकि आवंटित गैस संबंधित राज्य और उनके माध्यम से चिकित्सालय तक बिना देरी के पहुंच सके।