उधर मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को आंदोलनकारी डॉक्टर्स की बात सुननी चाहिए। प्रदेश में मरीज परेशान हो रहे हैं और करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। आज हजारों लोगों को इलाज की जरूरत है लेकिन इलाज नहीं मिल पा रहा है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि किसी भी पक्ष को अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए, सार्थक रूप बातचीत हो तो समस्या का हल निकल सकता है। पायलट ने कहा कि हम सत्ता में है और इस मुद्दे को सुलझाना हमारी जिम्मेदारी है। खुले दिमाग से दोनों पक्षों को इस पर चर्चा करनी होगी, सरकार को भी इस मसले पर चिकित्सकों से बातचीत करके कोई न कोई रास्ता निकालना चाहिए।
बदले की भावना से काम कर रही है कि केंद्र सरकार
उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्याता रद्द किए जाने को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि मानहानि मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट के जजमेंट आने के 24 घंटे बाद है राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई और अब मकान खाली करने का नोटिस दिया गया है, यह दिखाता है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
इसकी वजह यह है कि राहुल गांधी लगातार अडानी के खिलाफ बोल रहे थे। संसद में भी राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा था और कांग्रेस पार्टी के सांसदों को संसद में बोले नहीं नहीं दिया जा रहा है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी अब सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रही है और तमाम विपक्षी पार्टियां भी एकजुट हो चुकी हैं।
मेरे सुझावों पर आलाकमान को करना है फैसला
राजस्थान कांग्रेस में अभी तक भी कोई निर्णय नहीं होने को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि मैंने अपने सुझाव केंद्रीय नेतृत्व को दे दिए हैं, अब मेरे सुझावों पर अमल कब होगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान को करना है।
जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों की रिहाई दुखद
जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट की ओर से बरी किए जाने के मामले पर सचिन पायलट ने कहा कि आतंक करने वालों की रिहाई दुखद है। किसी न किसी ने तो ब्लॉस्ट किए होंगे, जांच में लापरवाही होना भी बेहद अफसोस जनक है। इसके लिए सरकार को फिर से नए सिरे से जांच करवानी चाहिए, ताकि बम ब्लास्ट के दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
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