दरअसल मुख्यमंत्री की जनसुनवाई और राजस्थान संपर्क पोर्टल पर प्रदेश का आम आदमी एक फोन डायल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है, लेकिन इन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा था।
ऐसे में अधिकारी और कमर्चारियों की लापरवाही पर सीएम गहलोत ने सख्ती दिखाई तो उसका असर अब सभी जगह दिखने लगा है। आम आदमी की ओर से दर्ज शिकायतों पर काम हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले, इसी के लिए अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर ऐसी शिकायतों और परिवेदनाओं के तुरंत निस्तारण के निर्देश दिए हैं। साथ ही जनकल्याकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
आमजन की समस्याओं के जिला एवं विभागीय स्तर पर ही निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था की जाए। सुशासन के लिए जनसुनवाई को और अधिक सार्थक व प्रभावी बनाया जाए ताकि आमजन के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके।
इसके लिए भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ओर से आवंटित कार्य को और अधिक तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाए। गौरतलब है कि हाल ही में 5 दिसंबर को सीएम अशोक गहलोत ने कलक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद किया था,जिसमें शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर 9 अधिकारियों को निलंबित करने के साथ-साथ 3 अधिकारियों को चार्जशीट जारी की थी।