पायलट समर्थकों ने पोस्टर फाड़ दिए, नारेबाजी की और व्यक्तिगत टिका-टिप्पणी की। इस पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर समर्थकों को वहां से खदेडऩा पड़ा। पुलिस ने पायलट समर्थक चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया। इससे नाराज पायलट समर्थक कार्यकर्ता गंज थाने पहुंच गए और उन्होंने थाने का घेराव कर वहीं बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी।
पायलट के कट्टर समर्थक मसूदा विधायक राकेश पारीक भी थाने पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा। इस पर विधायक पारीक वहां से लौट गए। बताया जा रहा है कि बाद में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के हस्तक्षेप पर कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया। मजेदार बात यह रही कि इतना सब हो जाने के बाद भी प्रदेश प्रभारी अजय माकन का कहना था कि कार्यकर्ताओं में उत्साह था। कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बात करके सबको छुड़वा दिया है। मामला सुलझ गया है, इसमें ज्यादा कुछ कहने को नहीं है।
-रघु और पारीक समर्थक हुए आमने-सामने
दरअसल माकन के अजमेर में प्रवेश के साथ ही गहलोत और पायलट समर्थकों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। गहलोत और पायलट खेमे के कार्यकर्ताओं ने माकन के सामने अपने-अपने नेताओं के पक्ष में जमकर नारेबाजी कर शक्ति प्रदर्शन किया। माकन के बैठक स्थल मेरवाड़ा एस्टेट में प्रवेश करने के बाद दोनों खेमों में टकराव बढ़ गया। माकन होटल में अजमेर शहर और देहात के कांग्रेस नेताओं से फीडबैक ले रहे थे। तभी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के समर्थक तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए होटल के बाहर पहुंचे। उन्हें देखकर वहां खड़े मसूदा विधायक राकेश पारीक के समर्थकों ने पायलट और पारीक के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने रघु के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की और बाहर ही लगे कुछ फ्लेक्स फाड़ दिए। इन फ्लेक्स में रघु शर्मा का फोटो था, लेकिन पायलट का नहीं था। इससे मामला बढ़ गया। दोनों में टकराव की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने लाठियां फटकारी और दोनों पक्षों के समर्थकों को वहां से खदेड़ा।
-मुख्यमंत्री के नहीं, प्रशासन के खिलाफ
पुलिस प्रशासन ने रंजिशवश कार्यकर्ताओं पर डंडे बरसाए। कांग्रेस सत्याग्रह पर भरोसा रखती है। कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के नहीं, प्रशासन के खिलाफ हैं।
-राकेश पारीक, विधायक मसूदा
कोई आदमी क्या बात कह रहा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
-रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री