सीएम ने शनिवार को मुख्यमंत्री किसान उर्जा मित्र योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा कि किसान आंदोलन को चलते 6 माह से ज्यादा का समय हो गया है, लोकतंत्र में आंदोलन इतने लंबे नहीं चलते, केंद्र सरकार को खुद आगे आकर किसान आंदोलन को खत्म कराने की पहल करनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्षी दल हों या फिर आमजन का प्रतिनिधिमंडल उनकी बात सुननी पड़ती है। मोदी सरकार को चाहिए कि किसानों का जो आंदोलन 6 महीने से ज्यादा चल रहा है उसके लिए कोई रास्ता निकालें।
सीएम ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि किसान आंदोलन चल रहा है, किसान धरने पर बैठे हैं , लेकिन देश में अगर शांति रहती है सद्भावना रहती है तो उससे विकास की गति को मिलती है ,विकास में वहीं होगा जहां शांति और सद्भावना होगी। सीएम ने कहा कि सद्भावना और शांति का माहौल कमजोर होगा तो तनाव का माहौल होगा, वहां पर विकास नहीं होगा।
संसद सत्र में करें किसानों के लिए घोषणा
सीएम ने कहा कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, किसानों की जो मांगें हैं उसे लेकर सरकार को कुछ न कुछ घोषणा करनी चाहिए। अगर नया कानून की बनाना पड़े तो उसमें क्या दिक्कत है। जिन किसानों के लिए कानून बनाया, उन किसानों को अगर कानून नहीं चाहिए तो उनके लिए अलग से कानून लाना पड़े तो क्या फर्क पड़ता है।
सरकार को चाहिए कि किसानों की भावनाओं के अनुरूप काम करें , कई राज्य सरकारों ने पहले ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कानून लेकर आए थे। हालांकि अलग बात है कि वह आगे नहीं बढ़ता चूंकि राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति तक जाता है , लेकिन इतने राज्यों से भावना और एकजुटता प्रकट की गई है तो केंद्र सरकार को भी समझना चाहिए, किस तरह से इस मामले को निपटाया जा सकता है इसके ऊपर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।