मुख्यमंत्री शनिवार को अपने निवास पर आयोजित एक कार्य₹म में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर जमकर बरसे। ईआरसीपी पर आयोजित कार्यशाला में गहलोत ने कहा कि पैसा हमारा हैं, जमीन हमारी है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार ने इस परियोजना पर रोक लगा दी। उन्होंने इसके लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत को जिम्मेदार ठहराया।
9 हजार 600 करोड़ का बजट राज्य कोष से: गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए 9 हजार 600 करोड़ का बजट राज्य कोष (स्टेट फंड) से जारी किया है। जब इस प्रोजेक्ट में अभी तक राज्य का पैसा लग रहा है और पानी हमारे हिस्से का है तो केन्द्र सरकार हमें काम रोकने के लिए कैसे कह सकती है?
13 जिलों के जनप्रतिनिधि रहे मौजूद: गहलोत ने कहा कि राजस्थान की जनता देख रही है कि उनके हक का पानी रोकने के लिए केन्द्र की भाजपा कैसे रोड़े अटका रही है। इस कार्यशाला में 13 जिलों के विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और अन्य जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
6 जुलाई को प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम: कार्यशाला में तय किया गया कि 6 जुलाई को बिड़ला ऑडिटोरियम में प्रदेशस्तरीय कार्य₹म का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी जिलों के विधायक, जिला प्रमुख, सरपंचों के अलावा निवर्तमान जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। साथ ही, जिन 13 जिलों को यह परियोजना प्रभावित करती हैं, वहां के नेता विशेष रूप से शामिल होंगे। कार्य₹म में परियोजना को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही, प्रदेशभर में परियोजना को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाने के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
...एक निकम्मे व्यक्ति को क्यों मंत्री बनाया
शेखावत पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक निकम्मे व्यक्ति को क्यों मंत्री बनाया। उन्होंने कहा कि शेखावत पीएम की बैठक में एबसेंट माइंड रहते हैं। गहलोत ने कहा कि राज्य के तेरह जिलों को फायदा देने वाली इस योजना के लिए खुद पीएम ने वादा किया था। जबकि जलशक्ति मंत्रालय ने इस परियोजना पर रोक लगा दी।
पलटवार... हार नहीं पचा पा रहे गहलोत: शेखावत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच जुबानी जंग जारी है। ईस्टर्न कैनाल मुद् पर शनिवार को गहलोत ने केंद्रीय मंत्री को एबसेंट माइंड और निकम्मा कहा था। इस पर शेखावत ने बयान जारी कर कहा कि जोधपुर की जनता ने उन्हें जो प्रचंड बहुमत का आशीर्वाद दिया है उसे गहलोत पचा नहीं पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने दोहे के माध्यम से कटाक्ष किया।
शेखावत ने कहा कि , बोली एक अनमोल है जो कोई बोले जानि, हियै तराजु तोल के तब मुख बाहर आनि। शेखावत ने कहा कि मुझसे पहले वे अपनी पार्टी के नेता को भी अपना प्रिय शब्द निकम्मा कह चुके हैं। जो भाषा गहलोत बोल रहे हैं वह एक मुख्यमंत्री से अपेक्षा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि कुर्सी जाने के डर से ऐसे बयान दे रहे हैं। शेखावत ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री ने सचिन पायलट पर उनसे मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का झूठ बोला। अब ईआरसीपी को लेकर भी एक झूठ गहलोत साहब रोज बोल रहे हैं।
गहलोत बार-बार बयान दे रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय परियोजना का वादा किया था। जबकि यह पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि 2018 में प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को लेकर जयपुर में केवल इतना कहा था कि यह योजना उनके पास भेजी गई है। सारे पक्षों से बातचीत कर हम इस पर संवेदनशीलता से विचार करेंगे। अजमेर में भी कहा था कि इस योजना पर विचार चल रहा है। उन्होंने आरोप जड़ा कि गहलोत को उम्मीद है कि एक झूठ सौ बार बोलने से वो सच हो जाएगा, पर ऐसा होता नहीं है। शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर गहलोत केवल और केवल भ्रम की राजनीति कर रहे है।