scriptहाथरस मामले की तुलना बारां के मामले से करना दुर्भाग्यपूर्ण: गहलोत | Gehlot takes umbrage at comparing Baran incident to Hathras gang rape | Patrika News

हाथरस मामले की तुलना बारां के मामले से करना दुर्भाग्यपूर्ण: गहलोत

locationजयपुरPublished: Oct 01, 2020 04:39:55 pm

Submitted by:

santosh

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है।

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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है, लेकिन इस मामले की तुलना राजस्थान के बारां में हुई घटना से किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने एवं स्वयं की मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही है।

बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि लड़के भी नाबालिग हैं। फिलहाल जांच जारी है। उन्होंने कहा कि घटना होना एक बात है और काररवाई होना दूसरी। घटना हुई तो काररवाई भी तत्काल हुई। इस मामले को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से तुलना करके करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

बारां शहर की दो नाबालिग बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। दोनों पीड़िताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दो लड़के उन्हें बहला फुसलाकर घर से ले गए तथा जयपुर व कोटा में तीन दिन तक उनके साथ बलात्कार करते रहे। इन दोनों बहनों को उनके पिता गाड़ी से पुलिस को कोटा ले जाकर बारां लाए। यहां उन्हें तीन दिन तक सखी केन्द्र में रखा गया। जबकि पुलिस ने आरोपितों को शहर कोतवाली के बाहर ही छोड़ दिया।

इस मामले में महिला थाना प्रभारी लच्छीराम का कहना है कि मामले की तफ्तीश चल रही है। पीड़िताओं का मेडिकल कराया है। तफ्तीश में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुरूप विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बलात्कार के बारे में पूछने पर तफ्तीश का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। पीड़िताओं ने पुलिस को दिए बयान में दो युवकों के नाम बताए हैं तथा दो-तीन अन्य आरोपियों को नहीं पहचानने की जानकारी दी है।

पुलिस उपाधीक्षक (महिला अपराध अनुसंधान सेल) राकेश शर्मा ने बताया कि गत 18 सितम्बर को दो नाबालिग बहने घर से बिना बताए गायब हो गई थी। सुबह परिजनों को दोनों घर से लापता मिली। इसके बाद 19 सितम्बर को महिला थाने पर दो युवकों पर संदेह जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद 21 सितम्बर को पुलिस ने कोटा से दोनों बहनों को दस्तयाब किया। बाद में बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया तथा सखी केन्द्र पर रखा गया। इस दौरान उनका मेडिकल भी कराया गया तथा मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के बयान कराए गए। बयानों में दोनों ने कहा था कि ना तो उन्हें कोई भगाकर ले गया और ना किसी ने उनके साथ बलात्कार किया।

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