भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए गहलोत ने कहा कि ये देश में एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं। जहां पर सहमति देने वाले व्यस्क राज्य शक्ति की दया पर होंगे। विवाह एक व्यक्तिगत निर्णय है और वे उस पर अंकुश लगा रहे हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा है। गहलोत ने कहा कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। राज्य किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकता है।